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अनूपपुर पुलिस की नई पहल, अब क्यूआर कोड स्कैन कर दर्ज होगी शिकायत

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थाने के चक्कर से मिलेगी मुक्ति, ऑनलाइन शिकायत सीधे पहुँचेगी पुलिस तक

अनूपपुर जनता की सुविधा और पारदर्शिता को ध्यान में रखते हुए अनूपपुर पुलिस ने एक नई पहल की शुरुआत की है। अब नागरिकों को अपनी शिकायत दर्ज कराने के लिए थाने के चक्कर लगाने की जरूरत नहीं होगी। लोग सीधे ऑनलाइन शिकायत दर्ज कर सकेंगे। पुलिस अधीक्षक मोती उर रहमान द्वारा जारी जानकारी देते हुए बताया कि आमजन अपनी शिकायतें एक विशेष गूगल फॉर्म (क्‍यूआर कोड) के माध्यम से दर्ज कर सकते हैं। इसके लिए केवल क्यूआर कोड स्कैन करना होगा या दिए गए लिंक पर क्लिक करके आवश्यक जानकारी भरनी होगी। जिससे शिकायत सीधे जिला पुलिस तक पहुँचेगी। शिकायत की गोपनीयता सुरक्षित रहेगी। पुलिस द्वारा त्वरित कार्रवाई की जाएगी। पुलिस ने सभी नागरिकों से अपील की है कि वे इस गूगल फॉर्म (क्‍यूआर कोड)  का अधिक से अधिक उपयोग करें और किसी भी प्रकार की समस्या, शिकायत अथवा अपराध संबंधी सूचना तुरंत दर्ज कराएँ। यह पहल नागरिकों की सुरक्षा, सुविधा और पारदर्शिता को ध्यान में रखकर शुरू की गई है। पुलिस अधीक्षक ने कहा कि इस कदम से आम जनता को राहत मिलेगी और शिकायत दर्ज करने की प्रक्रिया और भी आसान हो जाएगी। इस कदम से ग्रामीण अंचलों और दूरस्थ इलाकों में रहने वाले लोगों को भी राहत मिलेगी, जिन्हें शिकायत दर्ज कराने के लिए पहले थाने तक जाना पड़ता था। अब वे केवल मोबाइल फोन से ही पुलिस तक अपनी बात पहुँचा पाएंगे।

Anuppur: सोशल मीडिया पर वायरल अपहरण व दुष्कर्म की खबर निकली झूठी, पुलिस जांच में हुआ खुलासा

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अनूपपुर सोशल मीडिया पर अमरकंटक रोड सांधा तिराहे के पास दो युवकों द्वारा युवती के अपहरण कर जंगल ले जाने और उसके साथ गलत कार्य किये जाने का वीडियो वायरल हुआ। इसी बीच 31 अगस्त की रात 8.15 बजे एक युवती ने डायल 100/112 पर सूचना दी कि उसकी नाबालिग बहन को दो अज्ञात युवक जंगल की ओर ले गए हैं। सूचना मिलते ही कोतवाली प्रभारी निरीक्षक अरविन्द जैन, उपनिरीक्षक प्रवीण साहू, प्रधान आरक्षक शेख रसीद, आरक्षक अब्दुल कलीम, आरक्षक प्रकाश तिवारी सहित पुलिस टीम मौके पर पहुंची। पुलिस ने 26 वर्षीय युवती और उसकी 16 साथी को सुरक्षित बरामद कर महिला उपनिरीक्षक सरिता लकड़ा के पास अग्रिम कार्यवाही हेतु थाने लाया गया। दोनों ने शुरूआत में केवट प्रसाद बनावल और दुर्गेश बनावल पर गंभीर आरोप लगाए।

पुलिस ने तत्परता से कार्रवाई करते हुए दोनों आरोपितों को हिरासत में लिया। जांच में सामने आया कि 100 डॉयल में कॉल करने वाली युवती का भाई प्रेसपाल बनावल पहले से ही नाबालिग से दुष्कर्म के मामले में जेल में है और पीड़िता वही दोनों युवकों की बहन है। आरोप है कि राजीनामा के लिए दबाव बनाने के उद्देश्य से यह साजिश रची गई थी। पुलिस ने मोबाइल लोकेशन खंगाली तो पाया कि घटना के समय दोनों युवक घटना स्थल पर मौजूद ही नहीं थे।

पूछताछ में दोनो युवतियों ने स्वयं स्वीकार किया कि रास्ते में उनके साथ किसी भी प्रकार की घटना, छेड़छाड़ या आपराधिक कृत्य नहीं हुआ। दोनों ने व उनके पिता राजेश बनावल ने भी रिपोर्ट दर्ज कराने से इंकार कर दिया। पुलिस ने पूरे मामले की जांच पूरी कर रिपोर्ट एसडीओपी कोतमा आरती शाक्य को सौंप दी है। अब आगे की वैधानिक कार्यवाही उनके निर्देशन में होगी।

Anuppur: कुएं से मिली लाश का खुलासा, पत्नी ने प्रेमी और मजदूर संग रची थी हत्या की साजिश

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मृतक की पत्नी समेत तीन आरोपी गिरफ्तार, पुलिस टीम की तत्परता से खुली गुत्थी

अनूपपुर अनूपपुर जिले के ग्राम सकरिया में 31 अगस्त को एक कुएं से बोरे और कंबल में लिपटी हुई लाश मिलने से इलाके में सनसनी फैल गई थी। अब कोतवाली पुलिस ने इस अंधे हत्या कांड का खुलासा करते हुए मृतक की पत्नी समेत तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है। पुलिस के अनुसार हत्या का कारण मृतक की तीसरी पत्नी के अवैध संबंध रहे। पुलिस ने तीनों आरोपियों के खिलाफ धारा 103(1), 238 बीएनएस के तहत मामला दर्ज कर तीनों आरोपियों को न्‍यायालय में पेश कर दिया गया है। पुलिस अधीक्षक ने 5 सितम्‍बर को प्रेस कांफ्रेंस कर पूरे घटनाक्रम की जानकारी दी गई।

यह था मामला

31 अगस्त की सुबह गुड्डी रजक पति भैयालाल रजक (60) निवासी सकरिया ने कोतवाली पहुंचकर सूचना दी कि उसके पति का शव घर के पीछे बने खेत के कुएं में उतराता हुआ देखा गया है। सूचना पर पुलिस, एफएसएल टीम, फिंगरप्रिंट विशेषज्ञ और एसडीईआरएफ की टीम मौके पर पहुंची और शव को बरामद किया। शव बोरे और कम्बल में लिपटा हुआ था तथा रस्सी व साड़ियों से बंधा हुआ मिला। मृतक के सिर पर गहरी चोट पाई गई। पीएम रिपोर्ट में भी मौत का कारण सिर पर गंभीर चोट बताया गया। कोतवाली अनूपपुर पुलिस ने मर्ग कायम कर जांच शुरू की और बाद में अज्ञात आरोपियों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया गया।

जांच में हुआ खुलासा

पुलिस उपमहानिरीक्षक शहडोल रेंज सविता सोहाने और पुलिस अधीक्षक अनूपपुर मोती उर रहमान ने घटनास्थल का निरीक्षण कर विशेष टीम गठित की। गहन जांच और साक्ष्यों के आधार पर पुलिस ने मृतक की तीसरी पत्नी मुन्नी उर्फ विमला रजक उम्र 38 वर्ष, उसके प्रेमी लल्लू उर्फ नारायणदास कुशवाहा पिता राम मनोहर कुशवाहा उम्र 48 वर्ष निवासी पुरानी बस्‍ती वार्ड 13 अनूपपुर और मजदूर धीरज कोल पिता समय लाल  कोल उम्र 25 वर्ष ग्राम सकरिया को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने बताया कि मृतक भैयालाल रजक की तीन शादियां हुई थीं। पहली पत्नी शादी के कुछ दिन बाद ही अलग हो गई थी। दूसरी पत्नी गुड्डी बाई से संतान न होने पर उसने उसकी छोटी बहन मुन्नी बाई से भी विवाह कर लिया, जिससे उसे दो संतान हुए। भैयालाल के पास सकरिया और परसवार में कीमती पैतृक जमीन थी। इसी सिलसिले में दलाल लल्लू कुशवाहा का आना-जाना बढ़ा और इसी दौरान उसका अवैध संबंध मुन्नी बाई से हो गया।

हत्या की साजिश और वारदात

पुलिस जांच में खुलासा हुआ कि मुन्नी बाई अपने प्रेमी के साथ विवाह करना चाहती थी। इसके लिए उसने लल्लू कुशवाहा और मजदूर धीरज के साथ मिलकर पति की हत्या की योजना बनाई। 30 अगस्त की रात वह बहाना बनाकर बड़ी बहन गुड्डी के पास चली गई। रात करीब 2 बजे लल्लू और धीरज घर पहुंचे और निर्माणाधीन मकान की परछी में सो रहे भैयालाल पर लोहे की रॉड से हमला कर उसकी हत्या कर दी। शव को बोरे और कम्बल में लपेटकर, साड़ियों व रस्सी से बांधकर घर के पीछे खेत के कुएं में फेंक दिया। बाद में मृतक का मोबाइल फोन भी कुएं से बरामद किया गया।

हत्या के लिए मजदूर को दिए थे 50 हजार

पुलिस के अनुसार, नारायणदास कुशवाहा ने पहले मजदूर धीरज कोल को मृतक के निर्माणाधीन मकान में काम पर लगवाया। इसी दौरान उसने धीरज को बताया कि भैयालाल की पत्नी मुन्नी उर्फ विमला रजक से उसके अवैध संबंध हैं और पति के रहते वे दोनों साथ नहीं रह सकते। इसके बाद नारायणदास ने धीरज को हत्या की योजना में शामिल करते हुए उसे 50 हजार रुपये देने का वादा किया। योजना के तहत 30 अगस्त की रात नारायणदास ने धीरज कोल को पुलिस कॉलोनी के पास बुलाया। रात करीब 1 बजे दोनों वहां मिले और पैदल ही चंदास नाले को पार करते हुए ग्राम सकरिया पहुंचे। घर निर्माणाधीन होने से दरवाजे नहीं लगे थे। परछी पर खटिया में सो रहे भैयालाल रजक को दोनों ने लोहे की रॉड से सिर पर वार कर मौत के घाट उतार दिया। इसके बाद शव को बोरे और कंबल में लपेटकर साड़ियों व रस्सी से बांधकर घर के पीछे कुएं में फेंक दिया गया।

पुलिस टीम की सराहना

इस सनसनीखेज अंधे हत्या कांड का खुलासा करने वाली पुलिस टीम में कोतवाली निरीक्षक अरविंद जैन, उपनिरीक्षक प्रवीण साहू, फिंगरप्रिंट विशेषज्ञ उपनिरीक्षक गिरजाशंकर गौतम, होमगार्ड प्लाटून कमांडर रामनरेश भवेदी, एएसआई सुरेंद्र प्रताप सिंह, महिला एएसआई हुरूननिशा, प्रधान आरक्षक शिवशंकर प्रजापति, शेख रसीद, राजेंद्र अहिरवार (साइबर सेल), आरक्षक प्रकाश तिवारी, अब्दुल कलीम, महिला आरक्षक कांति शर्मा एवं डॉग स्क्वाड वीरा के हैंडलर नारायण गोटिया शामिल रहे। डीआईजी शहडोल रेंज और एसपी अनूपपुर ने पूरी टीम को उत्कृष्ट कार्य के लिए पुरस्कृत करने की घोषणा की है।

स्वास्थ्य सेवाओं में लापरवाही पर कमिश्नर की बड़ी कार्रवाई, डॉ. मनोज सिंह निलंबित

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मृतक के परिजनों को उपलब्ध कराई 50 हजार की आर्थिक सहायता राशि

अनूपपुर शहडोल संभाग की कमिश्नर सुरभि गुप्ता ने स्वास्थ्य सेवाओं में लापरवाही को गंभीरता से लेते हुए बिजुरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में पदस्थ चिकित्सा अधिकारी डॉ. मनोज सिंह को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। यह कार्रवाई कलेक्टर हर्षल पंचोली के प्रतिवेदन के आधार पर की गई है। जानकारी के अनुसार 31 अगस्त की रात लोहसरा (उप तहसील बिजुरी) निवासी 7 वर्षीय सुफियान कुरैशी को सर्पदंश की पर परिजन देर रात करीब 1.50 बजे प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बिजुरी लेकर पहुँचे। ड्यूटी पर मौजूद वार्ड बाय ने तत्काल डॉक्टर को फोन पर सूचना दी, लेकिन डॉक्टर अस्पताल नहीं पहुँचे। उन्होंने केवल बच्चे को निगरानी में रखने और सामान्य इंजेक्शन लगाने के निर्देश दिए। सुबह करीब 8.30 बजे डॉक्टर ने अस्पताल पहुँचकर एंटी-वेनम इंजेक्शन दिया, लेकिन उपचार में हुई देरी से बच्चे की स्थिति बिगड़ गई और उसे जिला अस्पताल रेफर किया गया। रास्ते में उसकी मृत्यु हो गई।

अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) कोतमा द्वारा की गई जाँच में यह स्पष्ट पाया गया कि समय पर उपचार न मिलने से बच्चे की मौत हुई। कलेक्टर ने संपूर्ण प्रतिवेदन कमिश्नर को भेजा, जिसके आधार पर डॉक्टर मनोज सिंह को निलंबित किया गया है। निलंबन अवधि में उनका मुख्यालय कार्यालय मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी अनूपपुर रहेगा तथा उन्हें नियमानुसार जीवन निर्वाह भत्ता दिया जाएगा।

पीड़ित परिवार को आर्थिक सहायता

मानवीय संवेदना के तौर पर कलेक्टर हर्षल पंचोली ने मृतक बालक के परिजनों को रेडक्रॉस समिति के माध्यम से 50 हजार की आर्थिक सहायता उपलब्ध कराई है। साथ ही शासन से प्राप्त होने वाली आर्थिक मदद के लिए भी आवश्यक कार्यवाही के निर्देश दिए गए हैं।

डॉक्टर की लापरवाही से सर्पदंश पीड़ित मासूम की मौत, जांच में आरोप साबित

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बिजुरी स्वास्थ्य केंद्र में लापरवाही का मामला उजागर, मासूम ने गंवाई जान

कमलेश मिश्रा/ बिजुरीअनूपपुर जिले के बिजुरी स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बिजुरी में गंभीर लापरवाही का मामला सामने आया है। बिजुरी वार्ड क्रमांक 12 गुलाब ग्राउंड निवासी नकीम कुरैशी के 6 वर्षीय पुत्र सुफियान कुरैशी की जहरीले सर्पदंश के बाद उपचार में लापरवाही के चलते मौत हो गई। पीड़ित पिता नकीम कुरैशी ने 3 सितंबर को कलेक्ट्रेट पहुंचकर कलेक्टर हर्षल पंचोली को लिखित शिकायत सौंपी और स्वास्थ्य केंद्र बिजुरी के डॉक्टर मनोज सिंह पर लापरवाही बरतने का आरोप लगाया। शिकायत पर संज्ञान लेते हुए कलेक्टर ने एसडीएम कोतमा को जांच सौंपी। जांच उपरांत आरोप सही पाए गए, जिसके बाद कलेक्टर ने डॉक्टर मनोज सिंह के खिलाफ कार्रवाई हेतु प्रतिवेदन कमिश्नर शहडोल को भेज दिया। साथ ही पीड़ित परिवार को रेडक्रॉस से सहायता उपलब्ध कराने का आश्वासन भी दिया गया।

पीड़ित पिता के अनुसार 31 अगस्त की रात लगभग 12 बजे उनका बेटा सुफियान सोते समय सांप के काटने से घायल हो गया। परिजनों ने तुरंत बच्चे को बिजुरी स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाया, लेकिन वहां डॉक्टर मौजूद नहीं थे। कम्पाउंडर ने डॉक्टर के निर्देश पर एक इंजेक्शन लगाया और बच्चा रातभर अस्पताल में पड़ा रहा। सुबह घर लौटने के बाद बच्चे की हालत बिगड़ने लगी। परिजन उसे दोबारा बिजुरी अस्पताल लाए, जहां से उसे गंभीर स्थिति में अनूपपुर जिला अस्पताल और फिर मनेंद्रगढ़ होते हुए अंबिकापुर रेफर कर दिया गया। दुर्भाग्य से अंबिकापुर ले जाते समय रास्ते में ही बच्चे की मौत हो गई। नकीम कुरैशी ने आरोप लगाया कि यदि डॉक्टर ने समय पर उचित उपचार किया होता तो उनके बेटे की जान बचाई जा सकती थी। लेकिन लापरवाही और उदासीनता के चलते मासूम को अपनी जान गंवानी पड़ी। कलेक्टर हर्षल पंचोली ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए तत्काल जांच करवाई। रिपोर्ट में डॉक्टर की लापरवाही प्रमाणित होने पर कार्रवाई की संस्तुति करते हुए प्रतिवेदन कमिश्नर शहडोल को भेजा गया है।

इनका कहना है

मामले में एसडीएम कोतमा को जांच के निर्देश दिये गये थे, जहां आरोपी सही पाये जाने पर प्रतिवेदन कमिश्नर शहडोल को प्रेषित किया गया है। इसके साथ ही रेडक्रॉस से पीडि़त परिवार की सहयता की जा रही है।

हर्षल पंचोली, कलेक्‍टर अनूपपुर

जिला पंचायत अध्यक्ष प्रीति रमेश सिंह कल ग्राम पंचायत औढ़ेरा के भ्रमण में

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अनूपपुर जिला पंचायत अध्यक्ष प्रीति रमेश सिंह 29 अगस्त को ग्राम पंचायत औढ़ेरा के ग्राम औढ़ेरा एवं अकुआ का भ्रमण करेंगी। इस दौरान वे ग्रामीण क्षेत्रों में संचालित विकास योजनाओं का निरीक्षण एवं समीक्षा करेंगी, साथ ही जनसमस्याओं को सुनकर उनके त्वरित समाधान हेतु अधिकारियों को निर्देश देंगी।

जिला पंचायत अध्यक्ष ने बताया कि भ्रमण कार्यक्रम का उद्देश्य पंचायतों में सफाई, स्वास्थ्य, शिक्षा, जलापूर्ति और सड़क जैसी मूलभूत सुविधाओं की स्थिति का आकलन करना है। इसके साथ ही महिला स्व-सहायता समूहों, किसान समितियों एवं युवाओं से संवाद स्थापित किया जाएगा। पंचायत स्तर पर जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों के साथ बैठक कर विकास कार्यों की प्रगति का मूल्यांकन भी किया जाएगा।

अध्यक्ष ने संबंधित विभागों को निर्देशित किया है कि वे भ्रमण के दौरान आवश्यक अभिलेखों एवं प्रगति रिपोर्ट के साथ उपस्थित रहें। उन्होंने कहा कि ग्रामीण विकास तभी संभव है जब योजनाएं कागज से निकलकर जमीन पर उतरें। इस दौरान शिक्षा, स्वास्थ्य एवं ग्रामीण आंचलों में संचालित योजनाओं पर विशेष फोकस रहेगा।

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