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Anuppur: फर्जी दस्तावेज से सरकारी कर्मचारी का तबादला कराने की साजिश बेनकाब

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नंदू उर्फ नंदलाल सोनी 

जैतहरी के कंप्यूटर सेंटर से तैयार हुआ था फर्जी आवेदन, नंदू सोनी पर संदेह

अनूपपुरजिले में फर्जीवाड़े का सनसनीखेज मामला सामने आया है। सामान्‍य निर्वाचन शाखा एवं विकास शाखा मे कार्यरत सरकारी कर्मचारी के फर्जी हस्ताक्षर कर उसके तबादले का आवेदन शहडोल कमिश्नर को भेज दिया गया। मामला तब उजागर हुआ जब कमिश्नर कार्यालय से 11 अगस्त 2025 को अनूपपुर कलेक्टर को एक पत्र प्राप्त हुआ, जिसमें इस कथित तबादले संबंधी आवेदन का उल्लेख था।

यह है मामला

प्राप्त जानकारी के अनुसार कमलेश कुमार तिवारी कॉपिस्ट सहायक वर्ग 3 के नाम से यह आवेदन कमिश्‍नर कार्यालय भेजा गया था। पत्र में लिखा था कि कलेक्टर अनूपपुर के आदेश दिनांक 7 अक्टूबर 2015 के तहत कमलेश तिवारी को जिला निर्वाचन शाखा और विकास शाखा में प्रतिनियुक्ति पर लगाया गया था तथा बाद में उन्हें लेखा शाखा का कार्य भी सौंपा गया। आवेदन में उल्लेख था कि अत्यधिक शाखाओं के प्रभार के कारण काम में देरी हो रही है, जिससे मुख्यमंत्री हेल्पलाइन 181 पर शिकायतें दर्ज हो रही हैं। इससे मानसिक परेशानी का हवाला देते हुए फर्जी आवेदन में कमलेश तिवारी की ओर से संलग्नीकरण समाप्त कर मूल विभाग जल संसाधन के अंतर्गत पुष्पराजगढ़ या शहडोल के ब्यौहारी में स्वयं के व्यय पर तबादले का अनुरोध किया गया था।

फर्जी हस्ताक्षर से हुआ पूरा खेल

पूरे मामले मे जब उक्‍त पत्र कलेक्टर कार्यालय पहुंचा, तो कमलेश तिवारी हैरान रह गए। उन्होंने तुरंत इस पर आपत्ति दर्ज कराई और बताया कि उन्होंने तबादले के लिए कोई आवेदन नहीं दिया है और आवेदन पर किया गया हस्ताक्षर पूरी तरह फर्जी है। जिसके बाद कमलेश तिवारी ने पुलिस अधीक्षक अनूपपुर को शिकायत सौंपी, जिसमें उन्होंने पूरे प्रकरण की जांच की मांग की, जहां पुलिस अधीक्षक ने उक्‍त जांच थाना प्रभारी जैतहरी को दिया गया है। प्रार्थी कमलेश तिवारी ने शिकायत में बताया कि नंदू उर्फ नंदलाल सोनी पिता गोपीलाल सोनी द्वारा पूर्व मेंउसके विरूद्ध कई बेनामी शिकायत कर चुका है किन्‍तु साक्ष्‍य के अभाव में कार्यवाही से बचता आ रहा है। कमलेश तिवारी ने नंदू उर्फ नंदलाल सोनी पर फर्जी हस्‍ताक्षर कर झूठा अभिलेख तैयार करने पर दंडानात्‍मक कार्यवाही करने की मांग की गई है।

कमलेश तिवारी

जांच में सामने आई चौंकाने वाली सच्चाई

पूरा मामला सामने आने  के बाद कमलेश तिवारी ने पुलिस अधीक्षक को लिखित आवेदन दिया गया, जिसमें बताया गया कि फर्जी आवेदन पत्र जैतहरी स्थित एक कंप्यूटर सेंटर से टाइप किया गया था। जांच में पाया गया कि उक्त पत्र मोहम्मद कासिफ नफीस के कंप्यूटर से तैयार हुआ था और इसे नंदू उर्फ नंदलाल सोनी पिता गोपीलाल सोनी निवासी वार्ड क्रमांक 01 लाइनपार जैतहरी ने टाइप कराया था। इस सनसनीखेज खुलासे के बाद पूरे विभाग में हड़कंप मच गया है। पुलिस ने मामले में कंप्यूटर संचालक और शिकायतकर्ता दोनों के बयान दर्ज कर लिए हैं।

फर्जीवाड़े से सरकारी सिस्टम में मचा हड़कंप

यह मामला न सिर्फ फर्जीवाड़े का उदाहरण है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि सरकारी दस्तावेजों का गलत इस्तेमाल कर किसी की सेवा स्थिति से खिलवाड़ किया जा सकता है। पुलिस ने पूरे मामले की गहनता से जांच शुरू कर दी है। प्रारंभिक साक्ष्यों के आधार पर संबंधित व्यक्तियों से पूछताछ की जा रही है और इलेक्ट्रॉनिक डेटा की भी जांच की जा रही है। शिकायतकर्ता कमलेश तिवारी ने कहा कि मैंने ऐसा कोई आवेदन नहीं दिया। किसी ने मेरे नाम से फर्जी आवेदन बनाकर भेजा है। यह मेरे खिलाफ साजिश है। मेरे हस्ताक्षर तक जाली बना दिए गए। सूत्रों का कहना है कि पुलिस जल्द ही इस पूरे प्रकरण में खुलासा कर सकती है। फिलहाल अनूपपुर जिला प्रशासन और पुलिस दोनों ही मामले की निगरानी कर रहे हैं।

इनका कहना है

पूरे मामले की जांच की जा रही है, इसमें संबंधितों के बयान लिये जा रहे है।

अमर वर्मा, थाना प्रभारी जैतहरी

मरवाही में पेट्रोल पंप कारोबारी से 1.59 करोड़ की ठगी, अनूपपुर में भी कर चुके थे ठगी

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संतोष सिंह

मोजर वेयर जैतहरी में कोयला और रेत का ठेका दिलाने के नाम पर करोड़ों की ठगी, एक गिरफ्तार

अनूपपुरमोजर वेयर जैतहरी में रेत सप्‍लाई का टेंडर दिलाने के नाम पर कुट रचित दस्‍तावेज के आधार पर धोखाधड़ी करते हुए चार आरोपियों नरेन्द्र कुमार शर्मा उर्फ कार्तिक पिता शिव नारायण शर्मा उर्फ प्रमोद, संतोष सिंह  निवासी जैतहरी, अरविंद विश्वकर्मा उर्फ चोगले, विकास सिंह वा अन्‍य ने अमित फ्यूल्स पेट्रोल पंप संचालक अमित कुमार गुप्ता निवासी मरवाही के वार्ड 11 से 1 करोड़ 59 लाख 60 हजार रूपयें की ठगी करने के मामले में मरवाही पुलिस ने सभी आरोपियों के खिलाफ धारा 328 (4), 338, 340(2), 336(4), 61(2)(ए) बीएनएस के तहत मामला दर्ज करते हुए आरोपी नरेन्‍द्र कुमार शर्मा को गिरफ्तार कर अन्‍य की तलाश जारी है। इसके पूर्व भी मोजर वेयर जैतहरी में कोयला सप्‍लाई का काम दिलाने के नाम पर कमलेश द्विवेदी निवासी अनूपपुर के साथ 55 लाख 97 हजार 530 रूपये की धोखाधड़ी करने के मामले में कोतवाली पुलिस अनूपपुर ने 24 जुलाई 2019 को ेतह टक क 7658-264242, E-mail: eनरेन्‍द्र कुमार शर्मा, सिद्वार्थ सिंह एवं संतोष सिंह के खिलाफ धारा 406, 420, 467, 468 एवं 471 के तहत मामला दर्ज किया गया था। 


नरेंद्र शर्मा

यह है मामला

जानकारी के अनुसार नरेन्‍द्र सिंह एवं संतोष सिंह द्वारा मिलकर मोजर वेयर में रेत वा कोयला का टेंडर दिलाने के नाम पर पहले लोगो को अपने  झांसे में फंसा कर उनके साथ करोड़ों रूपये की धोखाधड़ी की जाती है। नये  मामले में उक्‍त दोनो आरोपी द्वारा जुलाई 2024 में नरेन्द्र शर्मा पीड़ित के पेट्रोल पंप पर नियमित आने-जाने लगा और पहचान बढ़ाई। इसके बाद उसने संतोष सिंह (गंगा पेट्रोल पंप संचालक जैतहरी) और अरविंद विश्वकर्मा उर्फ चोगले से मिलवाया। सभी आरोपियों ने अमित गुप्ता को भरोसा दिलाया कि मोजरवियर पावर प्लांट जैतहरी में रेत सप्लाई का बड़ा ठेका (कॉन्ट्रैक्ट) है, जिसे दिलाने में वे मदद करेंगे। जिसके बाद सभी  आरोपियों ने फरियादी अमित कुमार गुप्‍ता से आधार, पैन, बैंक डिटेल्स और फोटो लेकर उनके नाम पर फर्जी पर्चेस ऑर्डर तैयार किया गया। इसके बाद रेत सप्लाई, रॉयल्टी और ट्रांसपोर्टेशन के नाम पर अलग-अलग तारीखों में पीड़ित से 1.59 करोड़ रुपये से अधिक की रकम वसूली गई।

विकास सिंह 

फर्जी चेक और नकली टीपी भी दिए

फरियादी अमित कुमार गुप्‍ता के अनुसार भुगतान के दबाव पर आरोपियों ने गारंटी के रूप में करोड़ों रुपये के कई चेक दिए, लेकिन सभी चेक बाउंस हो गए। इतना ही नहीं आरोपियों ने झूठे ट्रांस्‍पोर्ट परमिट और रॉयल्टी पर्चियां व्हाट्सएप पर भेजकर यह दिखाया कि रेत की सप्लाई शुरू हो गई है। इसी तरह से वर्ष 20219 नरेन्‍द्र कुमार शर्मा  एवं संतोष सिंह ने अनूपपुर निवासी कमलेश द्विवेदी के साथ परसा कोल कोल माइंस अडानी उदयपुर अंबिकापुर से एक हजार रूपये टन के हिसाब से कोयला के डीलर के रूप में चार हजार टन कोयला देना जिसमें कुल 40 लाख तथा कोयला ट्रांस्‍पोर्ट का भाड़ा 910 रूपये प्रति टन के हिसाब से 36 लाख 40 हजार रूपये बताकर डीओं लेटर एवं कोयला उपलब्‍ध कराये जाने का झांसा देकर बैंक एवं नगदी के माध्‍यम से लगभग 56 लाख रूपये हड़पकर धोखाधड़ी की गई थी।

सच्चाई का खुलासा

जब लंबे समय तक भुगतान नहीं हुआ, तब अमित गुप्ता ने खुद कंपनी कार्यालय में जाकर जानकारी ली। वहाँ से पता चला कि उनके नाम से कभी भी कोई टेंडर या पर्चेस ऑर्डर जारी ही नहीं हुआ था और न ही उनके नाम से किसी भी तरह की रेत सप्लाई की गई। जिसके बाद पीड़ित ने थाना मरवाही में अपने साथ हुए धोखाधड़ी की रिर्पोट दर्ज कराई गई। जिस पर मरवाही पुलिस ने सभी आरोपियों जिनमें नरेन्‍द्र कुमार शर्मा पिता शिवनारायण शर्मानिवासी लालपुर छ.ग.,  संतोष सिंह निवासी जैतहरी, अरविंद विश्‍वकर्मा पिता रामकेश विश्‍वकर्मा एवं  विकास सिंह व अन्‍य के खिलाफ छल, कूटरचना, धोखाधड़ी और आर्थिक अपराध के तहत एफआईआर दर्ज की गई है। ऐसे अपराधियों से सावधान रहे तथा तीनों के कहीं देखने पर पुलिस को सूचना तत्‍काल दे।


Anuppur: शराब दुकानों में खुलेआम ओव्हररेटिंग, आबकारी विभाग की कार्यप्रणाली पर उठे गंभीर सवाल

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न रेट लिस्ट, न बिल शराब उपभोक्ता अंधेरे में, शिकायतों से गूंजा सीएम हेल्पलाइन

अनूपपुर अनूपपुर जिले में शराब दुकानों का ठेका एक ही व्‍यक्ति वीरेन्द्र राय को मिलने के बाद से लगातार शराब दुकानों में अनियमितताओं की शिकायतें सामने आ रही हैं। जिले की 21 शराब दुकानों पर ग्राहकों से एमआरपी से अधिक वसूली, अवैध कारोबार, रेट लिस्ट और बिल उपलब्ध न कराना आम बात बन गई है। स्थानीय लोग लंबे समय से आवाज उठा रहे हैं। यहां तक कि सीएम हेल्पलाइन में भी इस मामले से जुड़ी सर्वाधिक शिकायतें दर्ज हुई हैं, लेकिन आबकारी विभाग की चुप्पी ने गंभीर प्रश्नचिह्न खड़े कर दिए हैं। सीएम हेल्‍पलाईन की शिकायतों की जांच विभाग में बैठे अधिकारी

एमआरपी से 100 रुपए तक की अवैध वसूली

सूत्रों के अनुसार, कई दुकानों पर 200 रुपए एमआरपी वाली बोतल ग्राहकों को 280 से 300 रुपए तक बेची जा रही है। यानी प्रति बोतल 80 से 100 रुपए की वसूली। यह स्थिति बताती है कि एक दिन में ही हजारों-लाखों रुपए का अवैध मुनाफा दुकानदार कमा रहे हैं। यह न केवल नियमों का उल्लंघन है, बल्कि उपभोक्ताओं के साथ खुला अन्याय भी है। एमआरपी से अधिक रेट  की वसूली पर आये  दिन विवाद की स्थिति उत्‍पन्‍न हो रही है, कई बार थाना क्षेत्र अंतर्गत संचालित दुकान में पुलिस ने समय पर पहुंचकर विवाद को शांत कराया गया है। 

न रेट लिस्ट, न बिल ग्राहक पूरी तरह अंधेरे में

जिले की सभी शराब दुकानों पर न तो रेट लिस्ट प्रदर्शित की गई है और न ही ग्राहकों को बिल दिया जा रहा है। इस वजह से खरीदारों को यह पता ही नहीं चलता कि वे कितनी राशि अधिक चुका रहे हैं। मजबूरी में लोग शराब की बोतल में अंकित एमआरपी राशि से अधिक रूपये वसूलने पर वाद विवाद की स्थिति निर्मित हो जाती है। जहां दुकानदार उन्‍हे दुकान से या तो शराब देने से मना कर दिया जाता है। जहां पर उपभोक्‍ता द्वारा सीएम हेल्‍पलाईन में मनमानी वसूली की शिकायत दर्ज करवाने को मजबूर हो जाते हैं।

ऐसे होता है शिकायतों का निराकरण

एक मामला तब प्रकाश में आया जब रवि तिवारी निवासी वार्ड क्रमांक 11 कॉलोनी देवहरा ने शराब दुकान देवहरा पर अधिक कीमत व बिल न देने की शिकायत सीएम हेल्पलाइन में दर्ज कराई। शिकायत में आरोप था कि अरुण राय द्वारा जिला अधिकारी को मैनेज करने का प्रयास किया गया, जो सभी शराब उपभोक्‍ताओं को बताकर कहीं भी शिकायत करने की धमकी देता है। जाँच के बाद विभाग ने बताया कि 16 सितम्बर को आबकारी उपनिरीक्षक वृत्ता अनूपपुर ने जांच की। जांच में दुकान से पर्चेजर को 150 रुपये में बोल्ट बीयर दिया गया, जो एमएसपी एवं एमआरपी के अनुरूप था। हालांकि, शिकायतकर्ता ने जांच के समय दुकान में लगे सीसीटीवी फुटेज की जांच और जांचकर्ता अधिकारी के निष्कर्ष पर सवाल उठाए और निराकरण से असंतोष जाहिर किया, जिस पर जांच आगे बढ़ा दी गई।

आबकारी विभाग की भूमिका संदिग्ध
सबसे बड़ा सवाल यह है कि जब इतने लंबे समय से यह शिकायतें सामने आ रही हैं तो आबकारी विभाग ने अब तक कोई ठोस कार्रवाई क्यों नहीं की? विभाग की चुप्पी और निष्क्रियता कहीं न कहीं भ्रष्टाचार और मिलीभगत की ओर इशारा करती है। विभाग की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल उठना स्वाभाविक है।

जनता की भी जिम्मेदारी

विशेषज्ञों का कहना है कि इस लड़ाई में जनता की भागीदारी भी आवश्यक है। यदि किसी दुकान पर रेट लिस्ट नहीं लगी हो, बिल नहीं दिया जा रहा हो या एमआरपी से अधिक राशि वसूली जा रही हो, तो ग्राहक तत्काल आबकारी विभाग, कलेक्टर कार्यालय या सीएम हेल्पलाइन में शिकायत दर्ज कर सकते हैं। जिले में लंबे समय से जारी इस ओव्हररेटिंग प्रथा ने शासन और विभागीय व्यवस्था की पोल खोल दी है। सवाल साफ है  आखिर कब तक आबकारी विभाग इन शिकायतों पर आंख मूंदकर बैठे रहेगा और शराब उपभोक्ताओं का शोषण होता रहेगा?

इनका कहना है

जिले के समस्‍त 21 शराब दुकानों में अगर रेट लिस्‍ट या बार कोड चस्‍पा नही किया गया है या फिर एमआरपी से अधिक की वसूलली करते हुए उपभोक्‍ताओं को बिल नही दिया जाता है, तो निश्चित ही जांच करते हुए कार्यवाही की जाएगी।

खेमराज श्‍याम, जिला आबकारी अधिकारी अनूपपुर

अनूपपुर पुलिस की नई पहल, अब क्यूआर कोड स्कैन कर दर्ज होगी शिकायत

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थाने के चक्कर से मिलेगी मुक्ति, ऑनलाइन शिकायत सीधे पहुँचेगी पुलिस तक

अनूपपुर जनता की सुविधा और पारदर्शिता को ध्यान में रखते हुए अनूपपुर पुलिस ने एक नई पहल की शुरुआत की है। अब नागरिकों को अपनी शिकायत दर्ज कराने के लिए थाने के चक्कर लगाने की जरूरत नहीं होगी। लोग सीधे ऑनलाइन शिकायत दर्ज कर सकेंगे। पुलिस अधीक्षक मोती उर रहमान द्वारा जारी जानकारी देते हुए बताया कि आमजन अपनी शिकायतें एक विशेष गूगल फॉर्म (क्‍यूआर कोड) के माध्यम से दर्ज कर सकते हैं। इसके लिए केवल क्यूआर कोड स्कैन करना होगा या दिए गए लिंक पर क्लिक करके आवश्यक जानकारी भरनी होगी। जिससे शिकायत सीधे जिला पुलिस तक पहुँचेगी। शिकायत की गोपनीयता सुरक्षित रहेगी। पुलिस द्वारा त्वरित कार्रवाई की जाएगी। पुलिस ने सभी नागरिकों से अपील की है कि वे इस गूगल फॉर्म (क्‍यूआर कोड)  का अधिक से अधिक उपयोग करें और किसी भी प्रकार की समस्या, शिकायत अथवा अपराध संबंधी सूचना तुरंत दर्ज कराएँ। यह पहल नागरिकों की सुरक्षा, सुविधा और पारदर्शिता को ध्यान में रखकर शुरू की गई है। पुलिस अधीक्षक ने कहा कि इस कदम से आम जनता को राहत मिलेगी और शिकायत दर्ज करने की प्रक्रिया और भी आसान हो जाएगी। इस कदम से ग्रामीण अंचलों और दूरस्थ इलाकों में रहने वाले लोगों को भी राहत मिलेगी, जिन्हें शिकायत दर्ज कराने के लिए पहले थाने तक जाना पड़ता था। अब वे केवल मोबाइल फोन से ही पुलिस तक अपनी बात पहुँचा पाएंगे।

Anuppur: सोशल मीडिया पर वायरल अपहरण व दुष्कर्म की खबर निकली झूठी, पुलिस जांच में हुआ खुलासा

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अनूपपुर सोशल मीडिया पर अमरकंटक रोड सांधा तिराहे के पास दो युवकों द्वारा युवती के अपहरण कर जंगल ले जाने और उसके साथ गलत कार्य किये जाने का वीडियो वायरल हुआ। इसी बीच 31 अगस्त की रात 8.15 बजे एक युवती ने डायल 100/112 पर सूचना दी कि उसकी नाबालिग बहन को दो अज्ञात युवक जंगल की ओर ले गए हैं। सूचना मिलते ही कोतवाली प्रभारी निरीक्षक अरविन्द जैन, उपनिरीक्षक प्रवीण साहू, प्रधान आरक्षक शेख रसीद, आरक्षक अब्दुल कलीम, आरक्षक प्रकाश तिवारी सहित पुलिस टीम मौके पर पहुंची। पुलिस ने 26 वर्षीय युवती और उसकी 16 साथी को सुरक्षित बरामद कर महिला उपनिरीक्षक सरिता लकड़ा के पास अग्रिम कार्यवाही हेतु थाने लाया गया। दोनों ने शुरूआत में केवट प्रसाद बनावल और दुर्गेश बनावल पर गंभीर आरोप लगाए।

पुलिस ने तत्परता से कार्रवाई करते हुए दोनों आरोपितों को हिरासत में लिया। जांच में सामने आया कि 100 डॉयल में कॉल करने वाली युवती का भाई प्रेसपाल बनावल पहले से ही नाबालिग से दुष्कर्म के मामले में जेल में है और पीड़िता वही दोनों युवकों की बहन है। आरोप है कि राजीनामा के लिए दबाव बनाने के उद्देश्य से यह साजिश रची गई थी। पुलिस ने मोबाइल लोकेशन खंगाली तो पाया कि घटना के समय दोनों युवक घटना स्थल पर मौजूद ही नहीं थे।

पूछताछ में दोनो युवतियों ने स्वयं स्वीकार किया कि रास्ते में उनके साथ किसी भी प्रकार की घटना, छेड़छाड़ या आपराधिक कृत्य नहीं हुआ। दोनों ने व उनके पिता राजेश बनावल ने भी रिपोर्ट दर्ज कराने से इंकार कर दिया। पुलिस ने पूरे मामले की जांच पूरी कर रिपोर्ट एसडीओपी कोतमा आरती शाक्य को सौंप दी है। अब आगे की वैधानिक कार्यवाही उनके निर्देशन में होगी।

Anuppur: कुएं से मिली लाश का खुलासा, पत्नी ने प्रेमी और मजदूर संग रची थी हत्या की साजिश

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मृतक की पत्नी समेत तीन आरोपी गिरफ्तार, पुलिस टीम की तत्परता से खुली गुत्थी

अनूपपुर अनूपपुर जिले के ग्राम सकरिया में 31 अगस्त को एक कुएं से बोरे और कंबल में लिपटी हुई लाश मिलने से इलाके में सनसनी फैल गई थी। अब कोतवाली पुलिस ने इस अंधे हत्या कांड का खुलासा करते हुए मृतक की पत्नी समेत तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है। पुलिस के अनुसार हत्या का कारण मृतक की तीसरी पत्नी के अवैध संबंध रहे। पुलिस ने तीनों आरोपियों के खिलाफ धारा 103(1), 238 बीएनएस के तहत मामला दर्ज कर तीनों आरोपियों को न्‍यायालय में पेश कर दिया गया है। पुलिस अधीक्षक ने 5 सितम्‍बर को प्रेस कांफ्रेंस कर पूरे घटनाक्रम की जानकारी दी गई।

यह था मामला

31 अगस्त की सुबह गुड्डी रजक पति भैयालाल रजक (60) निवासी सकरिया ने कोतवाली पहुंचकर सूचना दी कि उसके पति का शव घर के पीछे बने खेत के कुएं में उतराता हुआ देखा गया है। सूचना पर पुलिस, एफएसएल टीम, फिंगरप्रिंट विशेषज्ञ और एसडीईआरएफ की टीम मौके पर पहुंची और शव को बरामद किया। शव बोरे और कम्बल में लिपटा हुआ था तथा रस्सी व साड़ियों से बंधा हुआ मिला। मृतक के सिर पर गहरी चोट पाई गई। पीएम रिपोर्ट में भी मौत का कारण सिर पर गंभीर चोट बताया गया। कोतवाली अनूपपुर पुलिस ने मर्ग कायम कर जांच शुरू की और बाद में अज्ञात आरोपियों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया गया।

जांच में हुआ खुलासा

पुलिस उपमहानिरीक्षक शहडोल रेंज सविता सोहाने और पुलिस अधीक्षक अनूपपुर मोती उर रहमान ने घटनास्थल का निरीक्षण कर विशेष टीम गठित की। गहन जांच और साक्ष्यों के आधार पर पुलिस ने मृतक की तीसरी पत्नी मुन्नी उर्फ विमला रजक उम्र 38 वर्ष, उसके प्रेमी लल्लू उर्फ नारायणदास कुशवाहा पिता राम मनोहर कुशवाहा उम्र 48 वर्ष निवासी पुरानी बस्‍ती वार्ड 13 अनूपपुर और मजदूर धीरज कोल पिता समय लाल  कोल उम्र 25 वर्ष ग्राम सकरिया को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने बताया कि मृतक भैयालाल रजक की तीन शादियां हुई थीं। पहली पत्नी शादी के कुछ दिन बाद ही अलग हो गई थी। दूसरी पत्नी गुड्डी बाई से संतान न होने पर उसने उसकी छोटी बहन मुन्नी बाई से भी विवाह कर लिया, जिससे उसे दो संतान हुए। भैयालाल के पास सकरिया और परसवार में कीमती पैतृक जमीन थी। इसी सिलसिले में दलाल लल्लू कुशवाहा का आना-जाना बढ़ा और इसी दौरान उसका अवैध संबंध मुन्नी बाई से हो गया।

हत्या की साजिश और वारदात

पुलिस जांच में खुलासा हुआ कि मुन्नी बाई अपने प्रेमी के साथ विवाह करना चाहती थी। इसके लिए उसने लल्लू कुशवाहा और मजदूर धीरज के साथ मिलकर पति की हत्या की योजना बनाई। 30 अगस्त की रात वह बहाना बनाकर बड़ी बहन गुड्डी के पास चली गई। रात करीब 2 बजे लल्लू और धीरज घर पहुंचे और निर्माणाधीन मकान की परछी में सो रहे भैयालाल पर लोहे की रॉड से हमला कर उसकी हत्या कर दी। शव को बोरे और कम्बल में लपेटकर, साड़ियों व रस्सी से बांधकर घर के पीछे खेत के कुएं में फेंक दिया। बाद में मृतक का मोबाइल फोन भी कुएं से बरामद किया गया।

हत्या के लिए मजदूर को दिए थे 50 हजार

पुलिस के अनुसार, नारायणदास कुशवाहा ने पहले मजदूर धीरज कोल को मृतक के निर्माणाधीन मकान में काम पर लगवाया। इसी दौरान उसने धीरज को बताया कि भैयालाल की पत्नी मुन्नी उर्फ विमला रजक से उसके अवैध संबंध हैं और पति के रहते वे दोनों साथ नहीं रह सकते। इसके बाद नारायणदास ने धीरज को हत्या की योजना में शामिल करते हुए उसे 50 हजार रुपये देने का वादा किया। योजना के तहत 30 अगस्त की रात नारायणदास ने धीरज कोल को पुलिस कॉलोनी के पास बुलाया। रात करीब 1 बजे दोनों वहां मिले और पैदल ही चंदास नाले को पार करते हुए ग्राम सकरिया पहुंचे। घर निर्माणाधीन होने से दरवाजे नहीं लगे थे। परछी पर खटिया में सो रहे भैयालाल रजक को दोनों ने लोहे की रॉड से सिर पर वार कर मौत के घाट उतार दिया। इसके बाद शव को बोरे और कंबल में लपेटकर साड़ियों व रस्सी से बांधकर घर के पीछे कुएं में फेंक दिया गया।

पुलिस टीम की सराहना

इस सनसनीखेज अंधे हत्या कांड का खुलासा करने वाली पुलिस टीम में कोतवाली निरीक्षक अरविंद जैन, उपनिरीक्षक प्रवीण साहू, फिंगरप्रिंट विशेषज्ञ उपनिरीक्षक गिरजाशंकर गौतम, होमगार्ड प्लाटून कमांडर रामनरेश भवेदी, एएसआई सुरेंद्र प्रताप सिंह, महिला एएसआई हुरूननिशा, प्रधान आरक्षक शिवशंकर प्रजापति, शेख रसीद, राजेंद्र अहिरवार (साइबर सेल), आरक्षक प्रकाश तिवारी, अब्दुल कलीम, महिला आरक्षक कांति शर्मा एवं डॉग स्क्वाड वीरा के हैंडलर नारायण गोटिया शामिल रहे। डीआईजी शहडोल रेंज और एसपी अनूपपुर ने पूरी टीम को उत्कृष्ट कार्य के लिए पुरस्कृत करने की घोषणा की है।

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