कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर नर्सिंग एसोसिएशन ने जताया रोष, प्रशासन से तत्काल हस्तक्षेप की मांग
अनुपपुर।
जिला चिकित्सालय अनुपपुर के नर्सिंग ऑफिसर्स एसोसिएशन अनूपपुर ने गुरुवार को
कलेक्टर
हर्षल पंचोली को ज्ञापन सौंपकर नर्सिंग स्टाफ से जुड़ी लंबित समस्याओं और
मांगों के शीघ्र निराकरण की मांग की है। संघ ने चेतावनी दी है कि यदि उनकी
समस्याओं का समाधान शीघ्र नहीं किया गया,
तो वे 6 नवम्बर से सामूहिक अवकाश पर जाने को विवश होंगे।
संघ ने अपने ज्ञापन में कहा कि नर्सिंग
स्टाफ लंबे समय से विभिन्न प्रशासनिक व विभागीय
समस्याओं से जूझ रहा है। कई बार आवेदन और पत्राचार करने के बावजूद अब तक
कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है, जिससे कार्यस्थल पर असुविधा और असंतोष का माहौल बना हुआ है। संघ ने स्पष्ट किया कि जब तक नर्सिंग कर्मियों की
मांगें पूरी नहीं होतीं, वे सामान्य कार्य नहीं करेंगे।
नर्सिंग स्टाफ की प्रमुख समस्याएँ
संघ द्वारा प्रस्तुत ज्ञापन में बताया
गया कि नर्सिंग स्टाफ को पदस्थापन में
विलंब,
विभागीय
समन्वय की कमी, आवश्यक संसाधनों की अनुपलब्धता, तथा वेतन और
जीपीएफ से जुड़ी अनियमितताओं
का सामना करना पड़ रहा है। इन समस्याओं
के कारण अस्पतालों में कार्य सुचारू रूप से नहीं हो पा रहे हैं और स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता पर
प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है।
लता बाई श्रीवास का मामला प्रमुख
ज्ञापन में नर्सिंग ऑफिसर लता बाई श्रीवास के
जीपीएफ समायोजन का मुद्दा भी प्रमुखता से उठाया गया। बताया गया कि प्रधान महालेखाकार ग्वालियर (द्वितीय) मध्यप्रदेश द्वारा वर्ष 2016 से 2022
तक के जीपीएफ विवरण, बिल
वाउचर एवं ट्रेजरी डेटा मांगा गया है,
लेकिन सिविल सर्जन कार्यालय की लेखा शाखा द्वारा अब तक यह विवरण नहीं भेजा गया।
इस देरी के कारण उनका जीपीएफ समायोजन अब
तक नहीं हो पाया है। नर्सिंग ऑफिसर्स एसोसिएशन ने कहा कि लता बाई श्रीवास द्वारा जून 2025 और सितंबर 2025 में आवेदन
देने के बावजूद विभागीय उदासीनता के चलते कोई कार्रवाई नहीं की गई। संघ ने इसे
गंभीर लापरवाही मानते हुए
स्थापना
विभाग प्रमुख को बदलने की अनुशंसा
की है और यह भी मांग की है कि दोनों
विभागों के कार्यों की उच्चाधिकारियों
द्वारा समय-समय पर समीक्षा
की जाए ताकि कार्य समयावधि में पूर्ण हो
सकें।
विभागीय लापरवाही से नाराज नर्सिंग स्टाफ
संघ ने बताया कि वर्ष 2021 से
अब तक कई बार विभागीय स्तर पर पत्राचार किए जाने के बावजूद कोई ठोस निर्णय नहीं
लिया गया है। विभागीय उदासीनता के कारण संबंधित नर्सिंग अधिकारी को आर्थिक और मानसिक दोनों प्रकार की
परेशानी का सामना करना पड़ रहा है,
जबकि उनके दस्तावेज और वेतन अभिलेख
(जैसे अक्टूबर-नवंबर 2022 के पे-स्लिप) पहले ही विभाग को भेजे जा चुके हैं।
संघ की चेतावनी, 6 नवम्बर से सामूहिक अवकाश
संघ ने प्रशासन को स्पष्ट चेतावनी दी है
कि यदि नर्सिंग स्टाफ की लंबित समस्याओं और मांगों का शीघ्र समाधान नहीं किया गया, तो
जिले के सभी नर्सिंग अधिकारी
6 नवम्बर से सामूहिक अवकाश पर जाने को मजबूर होंगे। संघ ने कहा
कि नर्सिंग कर्मी सदैव जनता की सेवा के लिए तत्पर रहते हैं, लेकिन
उनकी समस्याओं की लगातार अनदेखी अब
असहनीय होती जा रही है। उन्होंने प्रशासन से तत्काल हस्तक्षेप की मांग
करते हुए सभी लंबित मामलों के शीघ्र निराकरण पर बल दिया है। इस अवसर पर नर्सिंग ऑफिसर्स एसोसिएशन के जिला
अध्यक्ष, सचिव, उपाध्यक्ष, कोषाध्यक्ष
और अन्य पदाधिकारी उपस्थित रहे। संघ ने एक स्वर में कहा कि जब तक नर्सिंग
कर्मियों को न्याय नहीं मिलता, तब तक आंदोलन जारी रहेगा।









