Responsive Ad Slot

ताजा खबर

latest

होली 2019 : होलिका दहन से जुडी कुछ रोचक एवं विशेष बाते

सोमवार, 18 मार्च 2019

/ by News Anuppur
होलिका दहन 
बुधवार 20 मार्च को होलिका दहन के बाद गुरूवार को रंग खेलने वाली होली मनाई जायेगी। सामान्य रूप से होलिका दहन सांयकाल या रात्रि में किया जाता है। इस बार भी रात्रि 9 बज कर 28 मिनट से रात्रि 11 बज कर 58 तक होलिका दहन किया जायेगा। 
कैसे करें पूजा
सबसे पहले जिस स्थान पर होलिका लगानी है उस स्थान पर जमीन को साफ करके गोबर और जल से चैक बनायें। इसके बाद उस स्थान पर रंगबिरेंगे वस्त्रों से सज्जित खूंटा लगा दें। उस खूंटे के इर्द गिर्द और ऊपर लकड़ियों का ढेर लगा कर होलिका तैयार कर लें। अब इसके चारों तरफ बल्ले की माला पहला दें। नीचे की ओर गोबर का उपला और गोबर से ही बनें खिलौने आदि सजा कर रख दें, जिसमें गोबर से बनी ढाल और तलवार भी शामिल करें। अब होलिका पर जल छिड़कें, रोली लगाये, अक्षत और पुष्प डालें। इसके बाद गुलाल चढ़ायें, फिर गुड़, नारियल और सूत की बनी पिंडी अर्पित करें। इसके बाद होलिका को प्रज्जवलित करके उसे प्रणाम करें। इसमें होला, गन्ना और अन्न जैसे गेंहूं या जौ की बालि आदि को भून कर प्रसाद के रूप में ग्रहण करें। जो लोग घर पर होलिका दहन नहीं करते वे सार्वजनिक स्थान पर जलने वाली होली में इसी प्रकार पूजन करें और उसमें भुनी सामग्री को घर पर लाकर सबको प्रसाद के रूप में वितरित करें। होलिका पर पितरों, हनुमान जी और शीतला माता के नाम पर बल्ले की माला अवश्य चढ़ायें।
इन बातों का रखें ध्यान
होलिका पूजन में कुछ बातों का विशेष ध्यान रखें। 1- होलिका का पूजन करते समय सर ढक खड़े हों, यानि सर पर रूमाल या अंगोढा आदि अवश्य रखें। 2- बल्ले का माला कुश या मूंज से बनायें, 3- एकाग्रता के लिए पढ़ने वाले बच्चे होलिका की परिक्रमा करें। जिन की शादी ना हो रही हो वे झाड़ू खोल कर फेंकें, 4- होली का भुना गन्ना चूसें, होला और अन्न अवश्य खायें ये प्रसाद होता है, 5- सूर्य को अर्ध्य दें, 6- चीनी के जल से चंद्रमा को अर्क दें, 7- निर्धन को गुझिया दान करें और यदि कोई गरीब संगीतज्ञ हो तो उसे हारमोनियम दान करें, इससे जन्मपत्रिका के दोष दूर होते हैं, 8- इसके अतिरिक्त मान्यता है कि पूजन और परिक्रमा के बाद होलिका को प्रणाम करने से मनोकामनायें पूर्ण होती हैं। 
'
Don't Miss
© all rights reserved
made with NEWSANUPPUR