हीरा मोती राईस मिल के संचालक ने धोखाधड़ी कर किया 540 क्विंटल धान का गबन
एक ही डीओं के विरूद्ध दो अलग-अलग स्थानों से छल करते हुये धान का कर लिया उठाव
अनूपपुर। खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री बिसाहूलाल सिंह का गृह जिला एक बार फिर धान की हेराफेरी कर भ्रष्टाचार किये जाने के मामले में सुर्खियों में है। जहां खाद्यान्न के भ्रष्टाचार के मामले में अनूपपुर जिला प्रदेश में टाॅप जिलों में से एक है। जिसके कारण स्वयं खाद्य मंत्री बिसाहूलाल अपने ही विभाग की शाख बचाने में नाकाम साबित हो रहे है। मामला हीरा मोती राईस मिल वेंकटनगर का है, जहां मिल संचालक द्वारा गोग्रीन कैप दारसागर से वर्ष 2021-22 के धान की मिलिंग के लिये डीओ नागरिक आपूर्ति से जारी किया गया, जिसे बाद में उक्त डीओं को डिलीट करवाते हुये नया डीओं सिंघैरा मनरेगा कैप से जारी करवाया गया। लेकिन हीरा मोती वेंकटनगर के मिल संचालक द्वारा सिंघौरा मनेरगा कैप के साथ ही उक्त डिलीट डीओं से भी 539.94 क्विंटल धान गोग्रीन केप दारसागर से उठाव करवाते हुये मिलिंग नीति का उल्लंघन के साथ भ्रष्टाचार को अंजाम दिया गया है। उक्त मामले की शिकायत प्रबंध संचालक म.प्र. स्टेट सिविल सप्लाई कार्पेारेशन भोपाल तरूण पिथौड़े सहित दीपक सक्सेना प्रबंध संचालक म.प्र. वेयर हाउस एंड लाॅस्टिक काॅर्पोरेशन भोपाल से की गई है।
यह है मामला
हीरामोती राईस मिल के संचालक द्वारा शासकीय खाद्यान्न की हेराफेरी के मामले में एक बार फिर खाद्य मंत्री के गृह जिले में नया कीर्तिमान को रचा दिया है। जानकारी के अनुसार वर्ष 2021-22 की धान मिलिंग हेतु जहां नागरिक आपूर्ति निगम अनूपपुर द्वारा गोग्रीन वेयरहाउस दारसागर के लिय डीओं क्रमांक 48224810222100036 एवं 482248102210037 जारी किया गया। जिसे मिल संचालक द्वारा उक्त डीओं को नाॅन से डिलीट करवाते हुये उक्त नंबर का दूसरा डीओं सिंघौरा मनरेगा कैप से धान का उठाव करते हुये सीएमआर चावल जमा कर दिया गया। लेकिन डिलीट हुये डीओं के विरूद्ध दो अलग-अलग स्थान से धान का उठाव कर जहां मिलिंग संचालक द्वारा मिलिंग नीति के प्रावधानों का उल्लंघन कर छल करते हुये बेईमानी की गई है। जिस पर नागरिक अपूर्ति के जिला प्रबंधक द्वारा उक्त मामले में मिल संचालक के खिलाफ न तो एफआईआर दर्ज करवाई गई और ना ही उक्त मिल को ब्लैक लिस्टेड करने की कार्यवाही की गई।
धान उठाव में लगे 6 वाहनों पर भी कार्यवाही की गाज
उक्त मामले में जहां हीरामोती राईस मिल के संचालक द्वारा एक ही डीओं से दो अलग-अलग स्थानों से धान का उठाव कर जहां शासन के साथ छलकारित कर बेईमानी की गई। वहीं उक्त शासकीय खाद्यान्न के गबन में धान का परिवहन करने में लगे लाॅट नंबर 36/1 डीओं नंबर 4822481022210036 से दिनांक 1 अगस्त को सीजी 10 एएफ 3401 बोरी 210 वजन 79.73, गेट पास नंबर 1359/78, ट्रक क्रमांक सीजी 10 एव्ही 3007 बोरी 400, वजन 152.18 क्विंटल गेट पास नंबर 1359/92, सीजी 04 एलएच 5174 बोरी 503 वजन 201.09 गेट पास नंबर 1359/96 तथा लाॅट नंबर 37/1, डीओं नंबर 4822481022210037 में दिनांक 1 अगस्त को सीजी 04 एलएच 5174 में 70 बोरी वजन 26.52 क्विंटल गेट पास नंबर 1359/96, 28 जुलाई को सीजी 04 सी 8654 बोरी 200 वजन 76.62 क्विंटल गेट पास 1359/05 एवं 29 जुलाई को सीजी 10 जेड 3936 बोरी 9 वनज 3.80 क्ंिवटल गेट पास 1359/30 कुल वजन 539.94 क्विंटल धान की धोखाधड़ी करते हुये गबन किया गया है। जिसमें उक्त सभी वाहनों को जप्ती कर नियमानुसार कार्यवाही की जानी चाहियें।
नाॅन के जिला प्रबंधक की भूमिका संदिग्ध
पूरे मामले में हीरा मोती राईस मिल के संचालक द्वारा शासकीय धान का गबन करना सोजी समझी साजिश है। जहां मिलर द्वारा धोखाधड़ी करते हुये शासन के साथ ही छल किया है। जिसमें नागरिक आपूर्ति के जिला प्रबंधक अरूण कुमार रावत की भूमिका संदिग्ध है। मामले में गो ग्रीन कैप दारसागर द्वारा उक्त मामले में नागरिक आपूर्ति निगम के जिला प्रबंधक से 14 नवम्बर को पत्र क्रमांक 25 के माध्यम से पत्राचार कर अवगत कराया गया। जहां उन्होने डिलीट डीओं के उपरांत भी भ्रष्टाचार को अंजाम देने के लिये बेईमानी पूर्वक धान का उठाव कर लिया गया। जिस पर जिला प्रबंधक नाॅन अरूण कुमार रावत द्वारा मिल संचालक से मिलीभगत करते हुये मिल संचालक को बचाने के लिये 24 नवम्बर को अपने पत्र क्रमांक/मिलिंग/2022-23/629 के माध्यम से हीरा मोती राईस मिल के संचालक को सिर्फ एक नोटिस काट उक्त 539.94 क्विंटल के विरूद्ध चावल 361.75 क्विंटल की राशि कार्यालय में तीन दिवस के अंदर जमा करने का नोटिस जारी किया गया। जबकि मिल संचालक द्वारा उक्त मामले में बेईमानी पूर्वक छलकारित करते हुये शासन को गुमराह करने के उद्देश्य से की गई धान की हेराफेरी मामले में न तो मिल संचालक के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई और ना ही हीरा मोती राईस मिल को ब्लैक लिस्टिेड करने की कार्यवाही की गई।
खाद्यान्न भ्रष्टाचार को लेकर खाद्य मंत्री दोबारा उतरेंगे चुनाव मैदान में
खाद्य, नागरिक आपूर्ति संरक्षण मंत्री बिसाहूलाल अपने ही गृह जिले में लगातार हो रहे शासकीय खाद्यान्न की हेराफेरी मामले व खाद्यान्न से जुड़े भ्रष्टाचार को रोकने में नाकाम साबित हो रहे है। इनके समय में ही नागरिक आपूर्ति विभाग अनूपपुर के प्रबंधक वित्त एम.एस. उपाध्याय को 50 हजार एवं जिला आपूर्ति अधिकारी अनूपपुर अंबोज श्रीवास्तव 18 हजार की रिश्वत लेते लोकायुक्त रीवा की टीम ने रंगे हाथ गिरफ्तार किया जा चुका है। इसके साथ ही शासकीय खाद्यान्न की हेराफेरी व कालाबाजारी के मामले में निगम को कई करोड़ो की क्षति पहुंचाने के साथ ही बडे-बड़े भ्रष्टाचार को अंजाम दिया गया है। एैसा नही इस पूरे मामले की जानकारी मंत्री बिसाहूलाल सिंह को नही है, लेकिन मजाल है कि की मंत्री बिसाहूलाल सिंह के रहते भ्रष्टाचार को अंजाम देने वाले अधिकारी, मिलर व खाद्यान्न माफियाओं पर कार्यवाही की गाज गिर सके। इसी बड़े बड़े भ्रष्टाचार के साथ मंत्री बिसाहूलाल सिंह एक बार फिर अनूपपुर विधानसभा से चुनाव लड़ने की तैयारी में जुट गये है।
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