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BRCC की प्रतिनियुक्ति समाप्त नही होने वाला प्रदेश का पहला जिला अनूपपुर

सोमवार, 20 फ़रवरी 2023

/ by News Anuppur

सर्व शिक्षा अभियान कार्यालय अनूपपुर

भ्रष्टाचार को छिपाने किया जा रहा खेल, 12 वर्षो से प्रतिनियुक्ति पर जमे है शिक्षक

अनूपपुर। मध्यप्रदेश के 51 जिलो को छोड़ दिया जाये तो अनूपपुर एक ऐसा जिला है, चयन परीक्षा के उपरांत साक्षत्कार व पद स्थापना के लिये चयन किया गया। लेकिन 6 माह बाद भी नव नियुक्ति जनपद शिक्षा केन्द्र समन्वयकों (BRCC) की प्रतिनियुक्ति आज दिनांक तक नही हो सकी है। इतना ही नही आज भी जिले के चारों विकासखंड में पूर्व के जनपद शिक्षा केन्द्र समन्वयक जैतहरी व पुष्पराजगढ़ बीते 10 से 12 वर्षो से अपना कब्जा जमायें हुये है, वहीं अनूपपुर व कोतमा के समन्वयक अस्थाई व्यवस्था को देखते हुये इन्हे बीआरसीसी के लिये कार्य आदेशित किया गया था। लेकिन चारों जनपद शिक्षा केन्द्र समन्वयकों द्वारा अब अपने मूल पदस्थपना में ही नही जाना चाहते। जिसको लेकर बीआरसीसी की चयन परीक्षा के बाद प्रतिनियुक्ति के विरूद्ध वर्तमान बीआरसीसी ने हाई कोर्ट से स्थगन ले लिया गया। जिसकी सूचना पर मिशन संचालक राज्य शिक्षा केन्द्र भोपाल द्वारा चारो बीआरसीसी को भोपाल बुलाकर उनकी बैठक ली गई और बैठक के पश्चात चारो BRCC द्वारा सर्व शिक्षा अभियान अनूपपुर के जिला परियोजना समन्वयक (DPC) हेमंत खैरवार को स्थगन समाप्त करने शपथ पत्र दिया गया। इसके बावजूद जिला परियोजना समन्वयक द्वारा आज दिनांक तक उक्त शपथ पत्र न्यायालय में पेश नही किया गया और ना ही मिशन संचालक को इन तथ्यो से अगवत कराया गया। जिसके बाद प्रदेश के 52 जिलो में अनूपपुर पहला जिला बनकर निकला जहां अब तक बीआरसीसी पद के लिये परीक्षा में चयनित शिक्षको की प्रतिनियुक्ति व पदस्थापना नही की जा सकी है।

चयन परीक्षा के बाद इनकी हुई थी नियुक्ति

जिले के चारों विकासखंडो में BRCC व सहायक परियोजना समन्वयक (APC) के पदो के लिये 16 अगस्त 2022 को लिखित परीक्षा शासकीय शिक्षक शिक्षा महाविद्यालय रीवा में आयोजित की गई। जिसमें 18 शिक्षक परीक्षर्थियों ने परीक्षा दी। जिसमें दोनो ही पदों के लिये 8 परीक्षार्थियों का चयन हुआ। जिसमें BRCC की प्रतिनियुक्ति के लिये जैतहरी विकासखंड से विष्णु कुमार मिश्रा, अनूपपुर से राजमणि पांडेय, कोतमा के लिये अजय कुमार शाह व पुष्पराजगढ़ के लिये सुभाषचंद्र वर्मा चयनित हुये और इनका साक्षत्कार के बाद अपनी पदस्थापना को लेकर प्रतिक्षारत है। जबकि इसी सूचनी में सहायक परियोजना समन्वयक (एपीसी) पदों के लिये अमित कुमार राहा, दीपक पांडेय, संतोष कुमार मिश्रा व राजाराम प्रधान परीक्षा में चयन हुये और इनकी प्रतिनियुक्ति होने के साथ ही इनका पदस्थापना भी कर दिया गया।

12 वर्षो से अंगद की पैर की तरह जमे शिक्षक

सर्व शिक्षा अभियान के शिक्षक जो कि जनपद शिक्षा केन्द्र समन्वयक के पद पर लगभग 10 से 12 वर्षो से अंगद की तरह अपने पैर जमाये हुये है। जिनमें BRCC जैतहरी डी.आर. बांधवा व BRCC पुष्पराजगढ़ हर प्रसाद तिवारी है। जबकि राज्य शिक्षा केन्द्र के आदेशानुसार वर्तमान में जनपद शिक्षा केन्द्र समन्वयक व सहायक परियोजना समन्वयक के पदो पर प्रतिनियुक्ति से पदस्थ समस्त अधिकारियों को 4 वर्ष पूर्ण जाने से इनकी सेवायें मूल विभाग में वापिस की जानी थी। वहीं पूरे प्रदेश के 21 जिलो में हुये जनपद शिक्षा केन्द्र समन्वयक व सहायक परियोजना समन्वयक के पदो के लिये चयनित परीक्षार्थियों का चयन करते हुये उनको प्रतिनियुक्ति देने के साथ उनकी पदस्थपना कर दी गई। लेकिन अनूपपुर पहला जिला है जहां सर्व शिक्षा अभियान के जिला समन्वयक हेमंत खैरवार की कारगुजारियों के कारण बीआरसीसी पदो के लिये प्रतिनियुक्त होने के बाद भी पदस्थपना नही हो सका है।

हाईकोर्ट से स्थगन वापस लेने दे चुके शपथ

पूरे मामले की जानकारी के अनुसार बीआरसीसी पदो के लिये प्रतिनियुक्ति के बाद उनकी पदस्थपना होने के पहले ही जिले के चारो विकासखंडो के वर्तमान बीआरसीसी द्वारा हाई कोर्ट में प्रतिनियुक्ति पर लगाये गये स्थगन आदेश को मिशन संचालक द्वारा भोपाल में आयोजित की गई बैठक के पश्चात चारो बीआरसीसी द्वारा प्रस्तुतीकरण अधिकारी जिला परियोजना समन्वयक सर्व शिक्षा अभियान हेमंत खैरवार को स्थगन वापस लेने शपथ पत्र प्रस्तुत कर चुके है। चूंकि डीपीसी हेमंत खैरवार द्वारा चारो बीआरसीसी पर इतने मेहरबान है कि अब तक हाई कोर्ट में लगाये गये स्थगन के वापस लेने शपथ पत्र ही प्रस्तुत नही किया गया है।

सुर्खियों में बना सर्व शिक्षा अभियान के कारनामे

जिला शिक्षा केन्द्र अनूपपुर कार्यालय इन दिनों भ्रष्टाचार को लेकर सुर्खियों में है। जहां खेलो इंडिया के तहत प्राथमिक व माध्यमिक विद्यालयों के बच्चों के लिये खेल सामग्री क्रय करने के लिये राशि प्रदान की गई थी, जिसमें खेल सामग्री विद्यालय समिति द्वारा क्रय की जानी थी। लेकिन डीपीसी के निर्देशों पर बीआरसीसी द्वारा नियम विरूद्ध तरीके से गुणवत्ताविहीन खेल सामग्री क्रय कर विद्यालय पहुंचाया और विद्यालय समिति पर दवाब डालकर राशि दुकानदार दिलवाई गई, वहीं पीएचई विभाग द्वारा चिन्हांकित विद्यालयों में नलजल योजना के तहत पंप लगाकर पानी उपलब्ध कराया जाना था, लेकिन जिले के द्वारा अधूरा कार्य के पश्चात भी ठेकेदारों को अनापत्ति प्रमाण पत्र विद्यालयों से दवाब डलवाते हुये राशि आहरण की गई। तीसरे मामले में अलग-अलग विभागो से कई विद्यालयों में शौचालय का निर्माण स्वीकृत हुआ था, लेकिन तीनों विभाग जिनमें सर्व शिक्षा अभियान, आदिम जाति कल्याण विभाग, जिला पंचायत तथा काॅलरी सिंगरौली के मद शामिल था। लेकिन एक ही विद्यालय में हुये शौचालय निर्माण को दिखाते हुये सभी पदों से राशि आहरण कर भ्रष्टाचार कर लिया गया है, जिनकी जांच चल रही है। जहां इन्ही सभी जांचों में व्यवधान उत्पन्न करने व दस्तावेजों में BRCC के माध्यम से लीपापोती करने के लिये चयन परीक्षा के बाद इनकी प्रतिनियुक्ति समाप्त नही की जा रही है।


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