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जमुना काॅलरी के बहुचर्चित दोहरे हत्याकांड मामलें में आरोपी को दोहरा आजीवन कारावास

जमुना काॅलरी के बहुचर्चित दोहरे हत्याकांड मामलें में आरोपी को दोहरा आजीवन कारावास

बुधवार, 1 मार्च 2023

/ by News Anuppur

अनूपपुर। न्यायालय प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश कोतमा स्वयं प्रकाश दुबे की न्यायालय ने थाना भालूमाड़ा के जघन्य एवं सनसनीखेज अपराध क्रमांक 282/18 की धारा 302 भादवि व 25/27 आयुध अधिनियम के प्रकरण में आरोपी निर्मल झा को भादवि की धारा 302 में दोहरे आजीवन कारावास एवं 5 हजार का अर्थदंड और 25/27 आयुध अधिनियम में 7 वर्ष का कारावास एवं 5 हजार के अर्थदंड से दंडित किया गया है। मामले की विवेचना निरीक्षक आर.के. बैस एवं मनोज दीक्षित द्वारा जिला अभियोजन अधिकारी के मार्गदर्शन में साक्ष्य एकत्रित कर अभियोग पत्र न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया। न्यायालय में प्रकरण की पैरवी शासन की ओर से अपर लोक अभियोजक/सहायक जिला लोक अभियोजन अधिकारी राजगौरव तिवारी द्वारा की गई।

मामले की जानकारी के अनुसार सूचनाकर्ता संजय जायसवाल द्वारा थाना भालूमाड़ा में सूचना दिया की वह 5 अगस्त 2018 की सुबह काम पर गया था। ड्यूटी से लगभग 5.15 बजे जमुना आया तो देखा की निर्मल झा के घर के पास लोगो की भीड़ लगी थी, पूछने पर पता चला की उसके घर में गोली चलने की आवाज आई थी। 

जिसमें चार फायर किया गया था तथा दो महिलाओं को घर के सामने खून से लथपथ पड़े देखा गया, जिसकी सूचना 100 डायल को दी गई थी। इसके बाद मोहल्ले पड़ोसियो के साथ आकर देखा तो दरवाजे के पास अर्चना झा तथा दरवाजे के अंदर कमरे में मधु देवी पड़ी हुई है, जिसमें मधु की मौत हो चुकी थी। जिनकी किसी अज्ञात के द्वारा हत्या कर दी गई थी। उक्त आशय की उसने रिपोर्ट थाना भालूमाड़ा में किया था। उसके पश्चात् उक्त दिनांक 5 अगस्त 2018 को ही मौके से तत्कालीन थाना प्रभारी निरीक्षक आर.के. बैस द्वारा मर्ग जॉच उपरांत अपराध क्रंमांक 282/18 धारा 302 के अंतर्गत मामला पंजीबद्ध कर प्रथम सूचना रिपोर्ट लेखबद्ध की गई। विवेचना के दौरान गवाहों के कथन लिए गए। आरोपी के मेमोरंडम से घटना में प्रयुक्त आयुध व जिंदा कारतूस जप्त की गई, जिसकी जांच आर्मोरर व बैलेस्टिक विशेषज्ञ से करायी गई। पीएम के दौरान चिकित्सक ने मृतिका के शव से कारतूस बरामद किया तथा जांच से उक्त कारतूस आरोपी से जप्त पिस्टल से चलना प्रमाणित हुआ। जिसके बाद मामला गंभीर प्रकृति का होने से जिला समिति द्वारा चिन्हित कर पुलिस अधीक्षक एवं जिला अभियोजन अधिकारी की सतत समीक्षा पश्चात प्रकरण न्यायालय में प्रस्तुत किया गया था।  

न्यायालय में अपर लोक अभियोजक राजगौरव तिवारी द्वारा साक्ष्य के दौरान 21 साक्षियों के साक्ष्य एवं 55 प्रदर्शो को चिन्हित कराया गया व न्यायालय में अभियोजन के समर्थन में तर्क प्रस्तुत किये गये। तर्क के दौरान बैलेस्टिक रिपोर्ट तथा अन्य परिस्थितिजन्य साक्ष्यो की कडियां जोडकर प्रस्तुत किया गया जिससे संतुष्ट होकर न्यायालय ने उक्त दंड से आरोपी को दंडित किया गया है। 


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