अनूपपुर। लोगों की समस्याओं के त्वरित निराकरण की दिशा में सीएम हेल्पलाईन एक अभिनव प्रयास रहा है। लेकिन CM HELP LINE में लोगो द्वारा की गई शिकायत के निराकण के बदले रूपयों की मांग किस तरह से होती है। इसका उदाहरण अनूपपुर जिले में देखने को मिला। जहां कलेक्टर ने अधिकारियों को CM HELP LINE की शिकायतों का निराकरण किये जाने का गुर सीखा रहे थे और अचानक दो आवेदको को स्वयं ही फोन लगा दिये। लेकिन दोनो ही आवेदको ने मलगा पटवारी तथा कोतमा तहसील के लिपिक द्वारा रिश्वत की मांग किये जाने का सीधा-सीधा आरोप लगा दिए।
जानकारी के अनुसार 17 अप्रैल को कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजन CM HELP LINE की समीक्षा बैठक में लंबित शिकायतों का निराकरण समय पर नही होने से रैकिंग प्रभावित होने, राजस्व अधिकारियों को शिकायतों के निराकरण करने के तरीकों में सुधार करने की चेतावनी दी। इस बीच अचानक कलेक्टर आशीष वशिष्ठ ने बैठक में उपस्थित अधिकारियों को CM HELP LINE पोर्टल में दर्ज शिकायतों के आवेदको से बात करने के तरीका वा उनकी समस्याओं का निराकरण करने के गुर सीखा रहे थे और उदाहरण के तौर पर कलेक्टर ने पोर्टल में दर्ज दो आवेदको को अचानक फोन लगा दिया। जहां पहले आवेदक ने मलगा पटवारी द्वारा पैसा लेने का आरोप लगाया तो दूसरे आवेदक ने कोतमा तहसील के लिपिक द्वारा पैसे की मांग करने संबंधी आरोप लगा दिया।
जिसके बाद कलेक्टर ने मामले को तत्काल गंभीरता से लेते हुये उक्त शिकायत की जांच कर सख्त कार्यवाही के लिये एसडीएम व तहसीलदार को निर्देशित किया। उन्होंने राजस्व अधिकारियों को कहा कि आवेदकों के आवेदन को स्वयं देखें तथा निराकरण करें। कलेक्टर ने सामान्य प्रशासन विभाग के प्रकरणों की समीक्षा के दौरान लंबित शिकायतों का निराकरण नही होने पर संबंधितों के विरूद्ध कार्यवाही करने की बात भी कही गई।
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