रामनगर पुलिस की कार्यप्रणाली संदिग्ध, गिरफ्तार हुये चालक का वीडियो वाॅयरल
अनूपपुर। रामनगर पुलिस द्वारा कोयला के अवैध परिवहन में जब्त किये गये पिकअप वाहन तथा मामले में की गई कार्यवाही सवालों के घेरे में है। इस पूरी कार्यवाही में जहां पुलिस पर सवाल खड़े हो गये है, वहीं आम जनता का भरोसा अब पुलिस कप्तान से भी उठ चुका है। जिले के हर कोने, तिराहे व चौराहो में पुलिस की कार्यवाही चर्चा का विषय बना हुई है। जहां अपराधिक गतिविधियों में संलिप्त लोगो को संरक्षण देने तथा अपराधियों को बचाने के लिये जांच के नाम पर उन्हे अभयदान दिये जाने तक का आरोप लगाते हुये सुनने को मिल रहे है। एैसा ही एक मामले में रामनगर पुलिस का कारनामा सामने आया। जहां 14 अप्रैल को आमाडांड व निमहा के बीच से अवैध कोयला लोड़ किये पिकअप वाहन को एसआईएसएफ के जवानों द्वारा पकड़कर पुलिस को सौंपा दिया जाता है। लेकिन रामनगर पुलिस द्वारा पूरी कार्यवाही में चालक के खिलाफ मामला दर्ज कर आगे की कार्यवाही को जांच का नाम देते हुये वाहन मालिक विजय गुप्ता व मुख्य आरोपी गोलू को संरक्षण देकर बचाने के तमाम प्रयासों मंे जुट जाती है।
वीडियों वाॅयरल के बाद पुलिस की कार्यवाही पर लगा प्रश्नचिन्ह
14 अप्रैल की रात को एसआईएफ के जवानों द्वारा ग्रामीणों की सूचना पर अवैध कोयला का परिवहन करते हुये पिकअप वाहन क्रमांक एमपी 65 जीए 3121 व उसके चालक को पकड़ते हुये रामनगर पुलिस को सौंपती है। इस दौरान थाने में बैठे आरोपी चालक अरूण प्रताप सिंह गोड़ पिता शिव प्रसाद सिंह गोड़ निवासी जैतपुर शहडोल का एक वीडियों सोशल मीडिया में वाॅयरल होता है। जिसमें चालक द्वारा वाहन मालिक विजय गुप्ता तथा कोल माफिया गोलू भैया उर्फ अभिषेक सिंह निवासी रामनगर का नाम बताया गया। लेकिन अभिषेक सिंह उर्फ गोलू को बचाने के चक्कर में पुलिस ने चालक द्वारा बताये जा रहे बयान को नजर अंदाज कर सिर्फ चालक अरूण प्रताप सिंह गोड़ के खिलाफ धारा धारा 379 एवं खान अधिनियम 1952 की धारा 4/21 के तहत कार्यवाही की गई।
बीते कई माह से कोयला चोरी करवा रहा था गोलू
जानकारी के अनुसार बीते कई माह से अभिषेक सिंह उर्फ गोलू पुलिस से सांठगांठ कर कोयला चोरी कर उसे पिकअप वाहन में लोड़ करते हुये छत्तीसगढ़ के मरावी में पहुंचाता था। जिसकी जानकारी रामनगर पुलिस सहित काॅलरी प्रबंधन को थी। लेकिन चंद कागज के नोट की चमक ने अभिषेक सिंह गोलू को छूट का प्रदान किया गया था। जहां संरक्षण मिलते ही यह कई ग्रामीणों को इसमें शामिल कर उनसे आमाडांड काॅलरी से कोयला चोरी करवाता, वहीं ग्रामीण भी रूपयों के लालच में आकर काॅलरी से प्रतिदिन चार से पांच बोरी कोयला चोरी कर अपने घर में एकत्रित करते थे और उसके बाद अभिषक सिंह द्वारा सभी ग्रामीण मजदूरों के घरों से पिकअप वाहन में कोयला लोड़ कर उसे छतीसगढ़ में मरावी तक भेजता था।
पुलिस की कार्यप्रणाली संदिग्ध, अवैध गतिविधियों करने की छूट
रामनगर क्षेत्र में कोल माफिया नाम से चर्चित गोलू भैया को कौन नही जानता, पूछने से पहले ही लोग व पुलिस द्वारा उसे कोयला माफिया की उपाधि से पहले सम्मानित कर फिर बाद मे भैया की उपाधि से सम्मानित किया जाता है। ऐेसे में 14 अप्रैल की रात को एसआईएसएफ की टीम द्वारा अवैध कोयला से लोड़ पिकअप वाहन को पकड़ते हुये रामनगर पुलिस को सौंपती है। लेकिन पुलिस मजबूर होकर चालक के खिलाफ मामला दर्ज कर आगे की कार्यवाही व जांच में वाहन मालिक व मुख्य आरोपी का नाम आने पर शामिल करने की बात कह पल्ला झाड़ लेती है। लेकिन रामनगर थाना के अंदर बैठे आरोपी वाहन चालक का वीडियों सोशल मीडिया में वाॅयरल होता है, जिसमें काले हीरे के खेल में शामिल लोगो का नाम का खुलासा करता है।
अवैध कारोबार में संलिप्त काले कारोबारी
कई माह से रामनगर क्षेत्र में चल रहे इस कोयले के अवैध कारोबार में संलिप्त काले कारोबारियों का आखिर रामनगर पुलिस द्वारा शिंकजा ना कसा जाना और उन्हे खुली छूट देकर गरीब मजदूरों को रूपयों का लालच देकर कोयला चोरी करवाते हुये उन्हे अपराधिक गतिविधियों में ढकेलने के लिये गोलू के साथ रामनगर पुलिस भी बराबर के दोषी है। इस पूरी कार्यवाही में एसआईएसएफ द्वारा पुलिस के सारे खेल को बिगाड़ कर रख दिया और द्वारा अपनी नाकामी छिपाने वा वाह वाही लूटने नई कहानी बनाकर लोगो के सामने परोस कर खुद ही उलझ गई।
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