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अनूपपुर जिले में बिगड़ती कानून व्यवस्था, संदिग्ध हालत में फिर मिला शव, हत्या की आशंका

अनूपपुर जिले में बिगड़ती कानून व्यवस्था, संदिग्ध हालत में फिर मिला शव, हत्या की आशंका

सोमवार, 19 जून 2023

/ by News Anuppur

राजेंद्रग्राम में सामूहिक दुष्कर्म पीड़िता को झूठा बता कर दिया गया प्रेस नोट डिलीट

अनूपपुर। जिले की बिगड़ती कानून व्यवस्था चिंता का विषय बना हुआ हैं। आए दिन जिले में हत्या, आत्महत्या और चोरी की घटनाएं घटित हो रही हैं। 19 जून सोमवार एक बार फिर बिजुरी थाना क्षेत्र में संदिग्ध परिस्थितियों में शव मिलने पर हत्या की आशंका जताई जा रही हैं, फिलहाल पुलिस मामले की जांच कर रही है। वहीं एक अन्य मामले में जिला पुलिस पर एक कहावत बिना मरे न्याय नहीं मिलता वाली सटीक बैठती हैं। थाना राजेंद्रग्राम में सामूहिक दुष्कर्म से पीड़ित महिला ने थाना प्रभारी, एसपी, एडीजी शहडोल से शिकायत कर न्याय की गुहार लगाई थी, लेकिन आरोपियों की तरफ से लगातार मिल रही धमकियों एवं पुलिस से न्याय नही मिलता देख अंत में पीड़िता ने फांसी लगाकर आत्महत्या करना उचित समझा। जिसके बाद 18 जून को एसपी कार्यालय से एक प्रेस नोट जारी हुआ, जिसमे महिला के आरोप को झूठा साबित कर दिया गया, लेकिन चंद मिनटों में उक्त प्रेस नोट को डिलीट कर दिया गया। 

वहीं 19 जून को बिजुरी थाना क्षेत्र के वार्ड क्रमांक 7 रेलवे ओवर ब्रिज के नीचे अज्ञात अधेड़ व्यक्ति का शव मिला है, शव की हालत देख हत्या की आशंका जताई जा रही है। मृतक 55 वर्षीय छोटेलाल का बताया जा रहा हैं, जो नगर में पल्लेदारी का कार्य करता था। जानकारी के अनुसार थाना राजेंद्रग्राम के ग्राम के नवगवां का निवासी बताए जा रहा हैं। हालांकि उसके परिजनों का अभी तक पता नहीं चला है। जानकारी मिलते ही मौके पर बिजुरी थाना प्रभारी राकेश कुमार उइके दलबल सहित मौके पर पहुंच कर मामले की जांच कर रहें हैं।

थाना राजेंद्रग्राम मामले में गुस्सायें ग्रामीणों का पुलिस को भारी विरोध का सामना करना पड़ा। ग्रामीणों ने थाना प्रभारी नरेंद्र पाल को लेकर अभद्र भाषा का भी प्रयोग किया। लगभग 8 घंटे तक शव फंदे में लटका रहा। ग्रामीणो ने थाना प्रभारी राजेन्द्रग्राम सहित आरोपियों पर कार्रवाई की मांग करते रहे। पुलिस अधीक्षक की समझाइश के बाद शव को उतारा गया और निष्पक्ष जांच का आश्वासन दिया गया। लेकिन 18 जून को पुलिस अधीक्षक कार्यालय से व्हाट्सएप समूह में जारी प्रेस नोट में पुलिस ने पूरा दोष महिला पर लगाते हुए थाना प्रभारी राजेन्द्रग्राम नरेन्द्र पाॅल को क्लीन चिट दे दी थी। जिसके बाद प्रेस नोट को कुछ ही छड़ों में अतरिक्तं पुलिस अधिक्षक द्वारा मिटा दिया गया। जिससे संदेंह और हो गया कि जिले के वरिष्ठ पुलिस अधिकारी द्वारा राजेन्द्रग्राम थाना प्रभारी को बचाने का प्रयास किया जा रहा है और मामला तूल ना पकड़े इसलिये उक्त प्रेस नोट को मजबूरन डिलीट करना पड़ा। 

जिले के विभिन्न थानों की पुलिस पर एक नजर

जिले के विभिन्न थानों की पुलिस की कार्यप्रणाली पर एक नजर डाले तो कोतमा थाना प्रभारी अजय बैगा पर रिश्वत एवं प्रताड़ना के बाद रामेश्वर पांडेय के आत्महत्या का आरोप के बाद लोगो का विरोध देख निलंबन वा लाइन हाजिर की कार्यवाही, भालूमाडा थाना प्रभारी अजय पवार पर शिकायत को गंभीरता से नहीं लेने पर दिनदहाड़े दो लोगो की हत्या के बाद निलंबर, कोतवाली थाने में पदस्थ महिला उप निरीक्षक अनुराधा परस्ते पर रिश्वत मांगने का आरोप पर लाइन हाजिर, बिजुरी थाने में पदस्थ फूलमती उस पैसे लेने का आरोप के बाद लाइन हाजिर कर दिया गया। आश्चर्य की बात है कि प्रदेश में अनूपपुर ऐसा जिला है, जहां पिछले दो महीने में दो थाना प्रभारी निलंबित और दो उपनिरीक्षक लाइन हाजिर हो चुके हैं।

वहीं तीसरे थाना प्रभारी राजेंद्र ग्राम नरेंद्र पाल पर सामूहिक दुष्कर्म जैसे संगीन मामलों पर लापरवाही का गंभीर आरोप लगा हैं। उनका भी निलंबन होना चाहिए किन्तु पुलिस अधिकारी उन्हे बचाने में लगें हैं। जिले की अनूपपुर पुलिस की इन करतूतों से पूरा प्रदेश में किरकिरी हो रहीं हैं, इससे कहीं न कहीं पुलिस अधीक्षक की कार्यशैली पर भी सवाल खड़े कर दिये हैं।


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