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पुलिस के प्रति लोगो में फुट रहा गुस्सा, जिला चला पाने में नाकाम पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी

पुलिस के प्रति लोगो में फुट रहा गुस्सा, जिला चला पाने में नाकाम पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी

शनिवार, 17 जून 2023

/ by News Anuppur

न्याय न मिलने से सामूहिक दुष्कर्म पीड़िता ने की आत्महत्या, अपराधिक गतिविधियों का बढ़ा ग्राफ

जिले में पुलिस की निष्क्रिता के कारण संगीन वारदातों या फिर दिल दहला देने वाली कई घटनायें लगातार सामने आ चुकी है, वहीं अपराधियों को बचाने के चक्कर में पुलिस की प्रताड़ना से परेशान होकर मजबूरन पीड़ित आत्महत्या को मजबूर हो रहे है। जिले में ऐसी कई घटनायें सामने आई, जिसमें हत्या सहित लूट, चोरी व अन्य अपराधिक गतिविधियों में बढ़ोत्तरी हो चुकी है। बढ़ती वारदातों के लोगो का कहना है कि पुलिस अधीक्षक अनूपपुर का जिले के समस्त थाना एवं चौकी प्रभारियों पर कोई लगाम नही है, जिसके कारण जिला चला पाने में अब पसीना छुटना शुरू हो गया है। 

अनूपपुर। बीते दो माह में जिले की चैथी सबसे बड़ी घटना सामने आई है, जिसमें राजेन्द्रग्राम थाना क्षेत्र मे महिला ने अपने साथ हुये सामुहिक दुष्कर्म की शिकायत करने लगातार 9 दिनों तक राजेन्द्रग्राम थाना सहित पुलिस अधीक्षक कार्यालय व एडीजीपी कार्यालय शहडोल में लिखित शिकायत करते हुये आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज करने की गुहार लगाई। लेकिन 9 दिनों तक कोई भी सुनवाई नही होने पर 17 जून को महिला ने पुलिस की कार्यप्रणाली से नाराज होकर आत्मग्लानी वश फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। जिसके बाद गुस्सायें ग्रामीणों ने पुलिस को शव उतारने से मना करते हुये राजेन्दग्राम थाना प्रभारी नरेन्द्र पाॅल के खिलाफ कार्यवाही की मांग की गई। 

यह था मामला

पीड़िता ने अपनी शिकायत में बताया था कि 8 जून की शाम लगभग 7 बजे वह अकेली थी उसके पति काम करने गढ़ीदादर बाक्साइड खदान गये हुये थे, उसी समय निलबंर महरा पिता शंकर दयाल महरा, सरोज पिता जनक महरा एवं कृष्णदीन पिता मिलन महरा तीनों निवासी ग्राम बेलगवां अचानक उसका घर सूना पाकर अंदर घुस गये और निलम्बर महरा ने अंदर से दरवाजा बंद कर दिया और तीनों ने बारी-बारी से उसका बलात्कार कर किसी को बताने पर जान से मारने की धमकी देते हुये वहां से भाग गये। जिसके बाद पीड़िता अपने पति के साथ मौखिक शिकायत दर्ज कराने राजेन्द्रग्राम थाना पहुंची, जहां पुलिस ने उसके पति की रिपोर्ट लिखने से मना कर दिया और उसका मेडिकल भी नही कराया।

धमकी मिलने पर पीड़िता पहुंची थी एसपी के पास

पीड़िता ने अपने साथ हुये सामुहिक दुष्कर्म पर राजेन्द्रग्राम पुलिस द्वारा कोई कार्यवाही नही करने तथा कार्यवाही नही होने पर 9 जून को फिर से तीनों लोगो ने पुनः धमकी दिये जाने की शिकायत दर्ज करवाई थी। शिकायत में पीड़िता ने बताया था कि उक्त तीनों व्यक्तियों द्वारा दोबारा शिकायत करने पर फिर से इज्जत लूटने तथा परिवार को जान से मारने की धमकी दी है। पीड़िता ने शिकायत में बताया था कि राजेन्द्रग्राम पुलिस आरोपीगण से अनुचित लाभ पहुंचाने के आशय से कोई कार्यवाही नही की गई। आखिर पीड़िता के इतने संगीन आरोप के बाद भी पुलिस द्वारा कार्यवाही नही करना लोगो के समझ से परे है। वहीं पुलिस अधीक्षक द्वारा न्याय नही दिला पाने पर पीड़िता ने 16 जून को एडीजीपी शहडोल को लिखित करते हुये कार्यवाही की मांग की गई और 17 जून को आत्मग्लानी वश फांसी लगाकर आत्महत्या करने को मजबूर हुई। 

बीते दो माह में कई संगीन मामले, अब एसपी पर उठ रहे सवाल

जिले के विभिन्न थाना क्षेत्रों में लूट, चोरी, हत्या, दुष्कर्म सहित अन्य अपराधिक मामले बीते दो माह में सबसे ज्यादा बढ़े है। जिसमें 3 मई को जैतहरी थाना क्षेत्र के ग्राम पड़री में कुल्हाड़ी से हमला करने पर एक की मौत दो गंभीर घायल, 11 मई को कोतवाली थाना क्षेत्र के ग्राम बरबसपुर में पति की प्रताड़ना से 32 वर्षीय महिला ने फांसी लगाकर आत्महत्या करने, 23 मई को कोतमा थाना क्षेत्र अंतर्गत ग्राम लोढ़ी में 59 वर्षीय बारेलाल की लाठी-डंडे से पीटपीट कर हत्या, 24 मई को कोतवाली थाना अनूपपुर के ग्राम मानपुर में 20 वर्षीय नवविवाहिता की संदिग्ध मौत, 25 मई को भालूमाड़ा थाना क्षेत्र अंतर्गत परासी के जंगल में वृद्वा की धारदार हथियार से मौत, 28 मई को रामनगर थाना क्षेत्र में खदान में दबकर 2 महिलाओं की मौत, 29 मई को कोतवाली थाना क्षेत्र अंतर्गत ग्राम बेला-नगदहा स्थित तिपान नदी के रेत में दफन मिला 16 वर्षीय बालक का कंकाल, 31 मई को कोतमा थाना क्षेत्र अंतर्गत खोड़री नंबर 1 में 50 वर्षीय पुजारी ने कार्यवाहक थाना प्रभारी कोतमा अजय बैगा की प्रताड़ना पर फांसी लगाकर आत्महत्या, 12 जून को कोतवाली थाना क्षेत्र अंतर्गत किरर के जंगल में कुछ युवको द्वारा 23 वर्षीय युवती के साथ मारपीट कर गंभीर हालत में जंगल में छोड़ने, 13 जून को कोतवाली थाना क्षेत्र अंतर्गत 40 वर्षीय चंपा बाई की हत्या, 13 जून को ही भालूमाड़ा थाना क्षेत्र के ग्राम बरबसपुर में दो महिलाओं की हत्या सहित कई अन्य मामले घटित हुये है। इनमें कुछ मामलों में पुलिस ने आरोपी को पकड़ तो लिया है, लेकिन ऐसे अपराध सिर्फ पुलिस की निष्क्रिता का परिणाम है। 

कोतमा व भालूमाड़ा थाना प्रभारी पहले हो चुके है निलंबित 

लगातार जिले में चैथी बड़ी घटना घटित हो चुकी है, जहां पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा पहली, दूसरी नही बल्कि तीसरी घटना से भी सबक नही लिया गया। जिसका नतीजा राजेन्द्रग्राम में पुलिस एक शर्मसार करने वाली घटना घटित हो गई। जिसका पूरा दोष ग्रामीणों ने पुलिस पर थोपा है। पहली घटना में कोतमा थाना क्षेत्र के ग्राम खोड़री में 31 मई का है, जहां कार्यवाहक थाना प्रभारी अजय बैगा की प्रताड़ना व रिश्वत के मांग की राशि नही दे पाने पर क्षुब्ध 50 वर्षीय पुजारी ने आत्महत्या कर लिया था, जिससे गुस्सायें लोगो ने पुलिस के खिलाफ मुर्दाबाद तक के नारे लगाये और थाना प्रभारी के खिलाफ 306 के तहत मामला दर्ज की मांग का ज्ञापन भी सौंपा गया। इतना नही दूसरी सबसे बड़ी घटना थाना भालूमाड़ा क्षेत्र के परासी में वृद्धा की धारदार से हत्या तथा सबसे संगीन अपराध ग्राम बरबसपुर का है, जहां दो परिवारों में छोटी से विवाद जिसकी शिकायत भालूमाड़ा पुलिस से करने के बाद कार्यवाही नही होने पर दिन दहाड़े दो महिलाओं को कुल्हाड़ी से मारकर मौत के घाट उतार दिया गया, जिसके बाद चैथा मामला राजेन्द्रग्राम जिसमें सामुहिक दुष्कर्म के मामले में पीड़िता ने न्याय नही मिलने पर आत्महत्या करने पर हैै। चोरो ही घटनाओं में पुलिस पर ही गंभीर आरोप लगे है और पुलिस के प्रति लोगो का गुस्सा देखने को मिला है। जिसके बाद पुलिस ने कोतमा तथा भालूमाड़ा थाना प्रभारियों को निलंबित करते हुये उन्हे लाईन हाजिर किया गया। 

इनका कहना है

घटना दुखद हैं, आखिर मामला पंजीबद्ध क्यो नही हुआ था, इसकी जांच कर दोषी के खिलाफ सख्त कार्यवाही की जायेगी।

डी.सी. सागर, एडीजीपी शहडोल जोन


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