जिला स्तरीय मीडिया कार्यशाला संपन्न, शिशु मृत्यु दर कम अभियान का उद्देश्य
अनूपपुर। स्वास्थ्य विभाग द्वारा 18 जुलाई से दस्तक अभियान के शुभारंभ को लेकर जिला स्तरीय मीडिया कार्यशाला का आयोजन 17 जुलाई को एनएचएम सभागार में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ. अशोक अवधिया द्वारा किया गया। बैठक में जिला टीवी अधिकारी डाॅ. प्रवीण शर्मा, जिला कार्यक्रम अधिकारी सुनील नेमा उपस्थित रहे।
मीडिया कार्यशाला में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ. अशोक अवधिया ने बताया कि 5 वर्ष तक के बच्चों में प्रमुख बाल्यकालीन बीमारियों की सक्रिय पहचान एवं प्रबंधन के लिए दस्तक अभियान की शुरूआत 18 जुलाई से की गई है, उक्त अभियान 31 अगस्त तक संचालित होगा। उन्होने बताया कि उक्त अभियान का उद्देश्य शिशु मृत्यु दर को कम करना है। इस अभियान के अंतर्गत जिले में 186 टीम बनाई गई है, जो घर-घर दस्तक देकर 0 से 5 वर्ष तक के बच्चों का 7 प्रकार की स्क्रीनिंग जिसमें कुपोषण, एनीमिया, डायरिया, निमोनिया, सिकल सेल सहित श्रवण बाधित एवं दृष्टिदोष की पहचान करना है। इसके साथ ही एसएनसीयू एवं एनआरसी से छुट्टी प्राप्त बच्चों में बीमारी की स्क्रीनिंग तथा फाॅलोअप, टीकाकृत एवं छुटे हुये बच्चों के टीकाकरण की स्थिति की जानकारी लेना है। उन्होने बताया कि महिला बाल विकास विभाग के सहयोग से स्वास्थ्य कार्यकर्ता एवं महिला बाल विकास कार्यकर्ता, आशा कार्यकर्ता घर-घर दस्तक देकर अभियान में लोगों को जागरूक करेंगे। जिले में निर्धारित आयु वर्ग के बच्चों का इस अभियान के लिए चिन्हित किया गया है।
घर-घर पहुंच कर दस्तक देंगी सीएचओं, आशा कार्यकर्ता और एएनएम
जिला कार्यक्रम अधिकारी सुनील नेमा ने बताया कि इस अभियान के अंतर्गत जिले के चारों विकासखंडों में 186 टीम गठित की गई है। जहां टीम में 137 सीएचओं, 230 एएनएम, 906 आशा कार्यकर्ता, 1049 आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं 1063 सहायिका है। जो जिले के 575 ग्रामों में घर-घर दस्तक देते हुये 0 से 5 वर्ष के बच्चों की स्क्रीनिंग करेंगी। अभियान के तहत 0 से 5 वर्ष आयु के 70 हजार 279 बच्चों को विभिन्न प्रकार की स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। जिसमें अनूपपुर विकासखं डमें 16 हजार 456, जैतहरी में 10 हजार 572, कोतमा में 19 हजार 952 एवं पुष्पराजगढ़ में 23 हजार 299 बच्चों को दस्तक अभियान के दौरान घर-घर दस्तक देकर स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
अभियान में बच्चों को दी जायेंगी विभिन्न सेवायें
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ. अशोक अवधिया ने बताया कि जिले में गठित टीम द्वारा घर-घर दस्तक देकर 0 से 5 वर्ष तक के बीमार नवजातों की पहचान प्रबंधन एवं रेफरल, 5 वर्ष से कम उम्र के गंभीर कुपोषित बच्चों की सक्रिय पहचान, 6 माह से 5 वर्ष तक के बच्चों में गंभीर एनीमिया की सक्रिय स्क्रीनिंग, बच्चों में बाल्यकालीन दस्त रोग की पहचान एवं नियंत्रण हेतु ओआरएस एवं जिंक के उपयोग संबंधी जागरूकता, प्रत्येक घर में दस्तक के समय ओआरएस पहुंचाना, 5 वर्ष से कम उम्र के बच्चों में शैशव एवं बाल्यकालीन निमोनिया की त्वरित पहचान, 9 माह से 5 वर्ष के समस्त बच्चों को विटामिन ए अनुपूरण, बच्चों में दिखाई देने वाली जन्मजात विकृतियों एवं वृद्धि विलंब की पहचान, बच्चों में श्रवणबाधिता एवं दृष्टिदोष की पहचान व पुष्टि कर आरबीएसके कार्यक्रम में पंजीयन कर उपचारित करना, समुचित शिशु एवं बाल आहारपूर्ति संबंधी समझाईश, एसएनसीयू एवं एनआरसी से छुट्टी प्राप्त बच्चों में बीमारी की स्क्रीनिंग तथा फाॅलोअप को प्रोत्साहन, गृहभेंट के दौरान आंशिक रूप से टीकाकृत एवं छूटे हुये बच्चों का टीकाकरण स्थिति की जानकारी संबंधी सेवायें दी जाएगी।
31 अगस्त तक जारी रहेगा अभियान
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. अशोक अवधिया ने बताया कि 5 वर्ष तक बच्चों में प्रमुख बाल्यकालीन बीमारियों की सक्रिय पहचान एवं प्रबंधन के लिए दस्तक अभियान की शुरूआत 18 जुलाई से की गई है। दस्तक अभियान 31 अगस्त तक संचालित होगा। अभियान की शत प्रतिशत सफलता के लिए मैदानी कर्मचारियों को जिला व ब्लाॅक स्तर पर विशेष प्रशिक्षण प्रदान किया जा चुका है।
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