हमलावरों के घरों को ग्रामीणों ने लगाया आग, बन्हेरी गांव में पुलिस बल तैनात
ग्वालियर। बदमाशों ने कांग्रेस समर्थक बन्हैरी गांव के सरपंच विक्रम सिंह रावत की गोली मारकर हत्या कर दी है। घटना लोको शेड इलाके की है, जहां सरपंच के कार से उतरते ही ही हमलावरों ने ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी। सरपंच को 8 से 10 गोलियां मारी गईं। जिसमें चार गोली सिर में लगी। पूरी घटना वहां लगे सीसीटीवी में कैद हो गई। सरपंच की हत्या का पता चलते ही परिजन और ग्रामीण आक्रोशित हो गए। उन्होंने हमलावरों के घरों को घेर लिया और आग लगा दी, जिसके बाद गांव में पुलिस बल तैनात किया गया है।
दो साल पहले सरपंच के भाई की भी इसी तरह हत्या कर दी गई थी। सरपंच इस केस में चश्मदीद था। केस के सिलसिले में वकील से मिलने गया था। इसी दौरान हमलावरों ने अचानक उनपर हमला कर दिया। मृतक की पत्नी ने भाजपा के भितरवार विधानसभा से प्रत्याशी मोहन सिंह राठौर पर हत्या के साजिश का आरोप लगाया है। बन्हैरी गांव के सरपंच विक्रम सिंह रावत ग्वालियर में ही रहते थे। दो साल पहले गांव के ही मुकेश रावत से उनके भाई रामनिवास का जमीन को लेकर विवाद चल रहा था। जिसे लेकर मुकेश रावत और उनके साथियों ने रामनिवास की गोली मारकर हत्या कर दी थी। इसी सिलसिले में कोर्ट में केस चल रहा है। पूरे मामले को सरपंच विक्रम रावत ही लड़ रहे थे। इसी सिलसिले में वह सोमवार सुबह लोको के पास कांति नगर में अपने वकील से मिलने के लिए पहुंचे थे।
विक्रम अकेला होने के कारण खुद ही कार ड्राइव कर रहे थे। कार से उतरकर उन्होंने पीछे वाली सीट का दरवाजा खोला और कुछ दस्तावेज निकालने लगे। इतने में ही बाइक सवार दो बदमाश वहां पहुंच गये और विक्रम पर ताबड़तोड़ गोलियां चला दीं। इस दौरान बदमाशों की बाइक भी वहां गिर पड़ी, लेकिन इसी बीच कुछ दूरी पर एक्टिवा लेकर खड़े दो बदमाश और आ गए। करीब 30 सेकंड में 10 गोलियां चलाई गई हैं। विक्रम रावत की हत्या करने के बाद बदमाश भाग गए। घटना का पता चलते ही पड़ाव थाना पुलिस सहित एसपी राजेश सिंह चंदेल व अन्य अफसर मौके पर पहुंच गए। पुलिस ने घटना स्थल की जांच पड़ताल के बाद शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा है।
सरपंच विक्रम रावत की हत्या की खबर जैसे ही उनके गांव तक पहुंची उनके परिजन आक्रोशित हो गए। भीड़ ने हमलावरों के घरों को घेरकर आग लगा दी। घटना की सूचना मिलते ही पुलिस वहां पहुंची। मृतक व हत्या के आरोपी एक ही गांव के रहने वाले हैं। जमीन को लेकर पुराना विवाद चला आ रहा है। आगजनी में कोई जनहानि की सूचना नहीं है। आरोपियों ने पहले ही तय कर लिया था, इसलिए उनके घरों में कोई नहीं था। इस घटना के बाद गांव में तनाव व दहशत है। पुलिस ने शहर से अतिरिक्त फोर्स गांव में तैनात कर दिया है।
मृतक सरपंच विक्रम रावत की पत्नी नीतू रावत ने बताया कि इस मामले में मुख्य आरोपी मुकेश रावत, कृष्णा रावत, ओमप्रकाश रावत, दिलीप रावत व अन्य हैं। हत्या में शामिल आरोपियों की मदद भाजपा नेता व भितरवार विधानसभा से प्रत्याशी मोहन सिंह राठौर ने की है। मोहन सिंह राठौर का नाम भी मृतक की पत्नी ने हत्या के षडयंत्र में लिया है। मृतक की पत्नी ने हत्या के आरोपियों के एनकाउंटर की मांग की है।
बताया गया है कि हत्या करने वाले शूटर्स ने पूरी रैकी की थी। एक्टिवा सवार दो बदमाश सरपंच की गाड़ी से पहले चल रहे थे और करीब 2 मिनट पहले ही वह वकील के घर कांति नगर में आकर खड़े हो गए थे, जबकि बाइक सवार दो बदमाश पीछा करते हुए आ रहे थे। पुलिस का मानना है कि संभवतः कोई सरपंच की रैकी कर जानकारी आरोपियों को भेज रहा था, क्योंकि जैसे ही सरपंच अपनी कार से उतरे और गेट लॉक करने के लिए चाबी निकाली, उसी बीच उन पर माउजर व पिस्टल से फायरिंग की गई। चार गोली सरपंच के सिर में लगी और वह जमीन पर गिर पड़े, इसके बाद उठ नहीं सके। पुलिस को मौके पर चार माउजर व चार पिस्टल के चले हुए राउण्ड मिले हैं।
कुछ महीने पहले ही हटा था पुलिस गार्ड
छोटे भाई की हत्या के बाद विक्रम की जान को खतरा होने पर उसे शासन से गार्ड मिला था, लेकिन कुछ महीने पहले ही शासन ने यह गार्ड हटा लिया। जिसके बाद विक्रम सिंह रावत अपने साथ हमेशा चार से पांच आदमी रखता था। सोमवार को वकील के बुलाने पर वह जल्दबाजी में निकल गया।
स्थानीय लोगों में दहशत का माहौल
वारदात का पता चलते ही पड़ाव थाने की पुलिस के साथ ही एसएसपी राजेश सिंह चंदेल, एएसपी अखिलेश रैनवाल, सीएसपी के साथ ही थाना प्रभारी इला टंडन मौके पर पहुंचीं और सरपंच को अस्पताल रवाना किया। जिस तरह बदमाशों ने लगातार फायर कर वारदात को अंजाम दिया, उससे स्थानीय लोगों में दहशत का माहौल है। एएसपी शहर अखिलेश रैनवाल का कहना है कि बन्हैरी गांव के सरपंच की बदमाशों ने गोली मारकर हत्या की है। हमलावरों का पता लगाया जा रहा है। इसके लिए दो पुलिस टीम पड़ताल में लगी हुई है। सीसीटीवी फुटेज के आधार पर बदमाशों की पहचान की जा रही है।
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