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धान खरीदी मामले में चौकीदार ही निकले चोर, शासन को लगा दिया 1 करोड़ 4 लाख का चूना

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गुरुवार, 1 फ़रवरी 2024

/ by News Anuppur

मामला ब्यौहारी तहसील के उपार्जन केन्द्र छतवा का, धान की खरीदी और मिलिंग दोनों चल रही कागजो में 

शहडोल। शहडोल जिला का एक एैसा मामला जहां जिला प्रशासन के नाक के नीचे से खाद्य एवं आपूर्ति नियंत्रक विपीन पटेल एवं नागरिक आपूर्ति के जिला प्रबंधक मधुर खर्द द्वारा दो मिलरों एवं अंर्तराष्ट्रीय स्व-सहायता समूह छतवा से मिलीभगत कर धान की फर्जी खरीदी दर्ज करवाते हुए शासन को 1 करोड़ 4 लाख का चूना लगाया। पूरे मामला सामने आते ही दोनो ही विभागों में मायूसी छा गई। जहां इस प्रकरण में दोनो संबंधित अधिकारियों ने अपने पदीय दायित्वों का दुरूपयोग करते हुए अपने चहेते समूह सहित विद्योदय राईस मिल ब्यौहारी एवं जे.एस. राईस मिल बोड्डिहा को अवैध लाभ अर्जित करवाया गया। इस मामले में जहां शासन प्रशासन धान उपार्जन की निगरानी के लिए जिन जिम्मेदार अधिकारियों को नियुक्ति किया गया वहीं धान की फर्जी खरीदी करवाने एवं कागजो में डीओ नामक कागजी घोड़ा दौड़ाकर मामले को रफा दफा करने में कोई कसर नही छोड़े। 

यह है मामला 

जानकारी के अनुसार शहडोल जिले के ब्यौहारी तहसील अंतर्गत बनाये गये धान उपार्जन केन्द्र अंर्तराष्ट्रीय स्व-सहायता समूह छतवा में 25 जनवरी को सहायक आपूर्ति अधिकारी रविकांत ठाकुर ने जांच की गई। जांच के दौरान उन्होने मौके पर स्टॉक का भौतिक सत्यापन किया गया। जहां खरीदी केन्द्र में 4858.8 क्विंटल धान की जगह कुल 180 बोरी वजन 72 क्विंटल धान पाई गई। जिस पर सहायक आपूर्ति अधिकारी रविकांत ठाकुर द्वारा सत्यापन के बाद उक्त मामले की सूचना धान उपार्जन के वॉट्सएप ग्रुप सहित नागरिक आपूर्ति विभाग के जिला प्रबंधक मधुर खर्द सहित जिला आपूर्ति नियंत्रक विपीन पटेल को सूचना मौखिक, दूरसंचार सहित कार्यालय पहुंचकर मामले से अवगत कराया गया था। बावजूद इसके नागरिक आपूर्ति निगम शहडोल द्वारा दो दिन बाद 27 एवं 29 जनवरी को छतवा केन्द्र से जेएस राईस मिल बोड्डिहा एवं विद्योदय राईस मिल ब्यौहारी को 10 डीओ (डिलेवरी ऑर्डर) जारी कर दिया गया। 

स्टॉक मात्र 72 क्विंटल और मिलरो ने उठा लिया 4330 क्विंटल

पूरे मामले में जब अंर्तराष्ट्रीय स्व सहायता समूह छतवा धान उपार्जन केन्द्र का 25 जनवरी को हुए भौतिक सत्यापन में कुल 72 क्विंटल धान ही स्टॉक में था, तो 27 जनवरी को जेएस राईस मिल बोड्डिहा ने 4 डीओ तथा विद्योदय राईस मिल ब्यौहरी को जारी 3 डीओ तथा 29 जनवरी को विद्योदय राईस मिल ब्यौहरी को जारी 3 डीओं जमा कर कौन सी धान उठा ले गये। जहां दोनो राईस मिलर ने उक्त समूह से मिलीभगत कर अवैध लाभ अर्जित करने सिर्फ कागजी घोड़ो को दौड़ा कर खानापूर्ति करते हुए समूह के स्टॉक का समायोजन किया गया है। उक्त मामले में शासकीय खजाने से 1 करोड़ 4 लाख का गबन कर बंदर बांट किया गया ।

जांच में मिले थे पांच बड़े व्यापारियों के नाम

छतवा उपार्जन केन्द्र की जांच के समय सहायक आपूर्ति अधिकारी रविकांत ठाकुर ने समूह के पास 5 बड़े व्यापारियों का नाम लिखा रजिस्टर जब्त किया गया, जिसके व्यापारी रामसुजान साहू द्वारा 8 कृषक के खाते में, व्यापारी अनूप सिंह के द्वारा 3 कृषको के खाते में व्यापारी रबी गुप्ता द्वारा 6 कृषकों के खाते में, व्यापारी सरपंच अलहरा द्वारा 8 कृषको के खाते में एवं व्यापारी विनोद जायसवाल द्वारा 8 कृषको के खाते में धान की मात्रा का तौल दर्ज करना पाया गया। जिसके बाद पूरा मामला आईन की तरह साफ देखा गया, जिसमें छतवा उपार्जन केन्द्र के प्रभारी द्वारा व्यापारिक गतिविधियों के लिप्त होकर व्यापारियों से सांठगांठ कर अवैध लाभ अर्जित किया है। 

खाद्य नियंत्रक एवं नॉन के जिला प्रबंधक पर गंभीर आरोप

धान उपार्जन नीति का पालन कराने की जिम्मेदारी दिए जाने के बाद जिला आपूर्ति नियंत्रक शहडोल विपीन पटेल एवं नागरिक आपूर्ति निगम शहडोल के जिला प्रबंधक मधुर खर्द द्वारा सूचना के बाद भी छतवा केन्द्र में धान का स्टॉक ना होने तथा उक्त खरीदी केन्द्र के नाम से मिलरों को डीओ जारी कर दिये जाने के बाद गंभीर आरोपो के जाल में फंस चुके है। इस पूरे मामले में जहां छतवा खरीदी प्रभारी के खिलाफ धान की फर्जी खरीदी पोर्टल पर चढ़ा कर अवैध लाभ लिया जाकर अनियमितता किए जाने पर अपराधिक प्रकरण दर्ज करवाना चाहिये था, वहीं दोनो संबंधित अधिकारियों ने मिलीभगत कर इस भ्रष्टाचार में दो मिलरों को शामिल करते हुए एक और बड़े भ्रष्टाचार को अंजाम दे दिया है। 

ब्यौहारी तहसील में जयसिंह तहसील के कृषक ने बेची धान

इस पूरे खेल में मामला अभी तक रूका नही, नये-नये खुलासे सामने निकलते रहे। जहां ब्यौहारी तहसील के अंर्तराष्ट्रीय स्व-सहायता समूह के प्रभारी द्वारा अपना तहसील छोडक़र जयसिंह नगर तहसील के ग्राम टिहकी, बरकछ सहित जयसिंह नगर के कृषको के नाम पर तथा ब्यौहारी के जनकपुर, सुखाढ़ क्रमांक 2 एवं पपरौड़ी के कृषको के नाम की फर्जी खरीदी गई है। जहां इतने बड़े भ्रष्टाचार को अंजाम देने के लिए दोनेा अधिकारियों ने पूरे मामले को दबा दिया गया था। जिसका खुलासा के बाद अब इनके कान में जूं रेंगना भी बंद हो गये है। 

इनका कहना है

मेरे द्वारा 25 जनवरी को जांच कर नागरिक आपूर्ति निगम के जिला प्रबंधक सहित अपने वरिष्ठ अधिकारियों को स्टॉक नही होने की सूचना मौके पर दी गई थी, वहीं पूरे मामले में प्रकरण तैयार कर कलेक्टर को सौंप दिया गया है। 

रविकांत ठाकुर, एसओ शहडोल


इनका कहना है

पूरे मामले की जानकारी ली जाएगी, इस संबंध में कलेक्टर शहडोल से भी चर्चा करते हुए निष्पक्ष जांच कर दोषियों के विरूद्ध सख्त से सख्त कार्यवाही की जाएगी। 

तरूण कुमार पिथोड़े, संचालक खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण भोपाल


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