अवैध परिवहन पर जैतहरी पुलिस की भूमिका संदिग्ध, माफियाओं की चल रही दबंगई
अनूपपुर। जिले के 18 रेत खदानों का नया सत्र शुरू होने के चौथे महीने में ही ठेकेदार ने माइनिंग कॉर्पोरेशन अनूपपुर की हीलाहवाली वा जिले पुलिस थाना द्वारा रेत माफियाओं को संरक्षण देने वा रेत ठेकेदार को सहयोग नही करने पर जिले के सभी खदानों को ठेकेदार ने सरेंडर कर दिया है। जिसके बाद माइनिंग विभाग एवं पुलिस की कार्यप्रणाली पर कई सवाल खड़े हो चुके है। पूरे मामले में अगर सिर्फ जैतहरी थाना क्षेत्र की बात की जाए तो जैतहरी थाना प्रभारी प्रकाश चंद्र कोल ने जैतहरी से निकलने वाली सोन, तिपान, अलान नदियों सहित गुर्जर नाला से रेत का अवैध उत्खनन कर परिवहन की छूट दी गई है। जिसके लिए बकायदे रेत माफियाओं द्वारा मोटा चढ़ावा थाना प्रभारी को चढ़ाया जा रहा है। रेत के अवैध खनन वा परिवहन के मामले में जैतहरी पुलिस की कार्यवाही शून्य है। जबकि जैतहरी एवं वेंकटनगर क्षेत्र में तीन दर्जन से अधिक घाटों में प्रतिदिन सैंकड़ों ट्रैक्टरों वा अन्य वाहन रात होते ही रेत की चोरी कर सडक़ो में फर्राटे मारने के साथ थाना जैतहरी के सामने निकलते है।
जैतहरी थाना में कहां कितने घाट
पूरे मामले में जब जैतहरी वा वेंकटनगर थाना क्षेत्रों में आने वाले नदियों एवं नालों के घाटों का सर्वे किया गया तो अचभिंत करने वाला मामला सामने आया। अगर रेत निकाले जाने वाले घाटो की बात की जाए तो गुजर नाला से ग्राम उमरिया में महादेव घाट, बजरंग घाट, ददन घाट, चोलना में गुजर घाट, आमा घाट, मुंदरी घाट, ग्राम कुकुरगोड़ा में बेलहा घाट, ग्राम लपटा में जरेली घाट, भालूमाड़ा रास्ते में सोन नदी पुल घाट, तिपान नदी में निगौरा घाट, बहुटाडांड घाट, गोधन घाट, सिवनी घाट, बलबहरा घाट, चोरभठी घाट, तिपान-अलान नदी के संगम में सुलकारी घाट, जैतहरी में गोबरी घाट के साथ ही अलान नदी के खोडऱी घाट (महेशा टोला), वेंकटनगर, बजरंग घाट खैरीटोला, कुम्हारन घाट कदमसरा सहित अन्य घाटों से प्रतिदिन सैंकड़ों से अधिक ट्रैक्टर वा अन्य वाहन अवैध तरीके से रेत का अवैध उत्खनन कर परिवहन करते हुए सडक़ो में दौड़ते नजर आते है।
चढ़ावें के नजराने में फंसे जैतहरी थाना प्रभारी
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार जैतहरी थाना प्रभारी प्रकाश चंद्र कोल द्वारा जैतहरी थाना क्षेत्र में आने वाले प्रमुख नदियों के लगभग 26 घाटों से सैंकड़ों ट्रैक्टर को संरक्षण देने की जवाबदारी स्वयं ली है। जिस पर उन्हे प्रति टैक्टर के हिसाब से मासिक 15 हजार रूपए नजराने के तौर पर चढ़ावा स्वरूप चंदा मिलता है, अब इतनी बड़े चढ़ावा में आकर थाना प्रभारी भला जैतहरी थाना क्षेत्र में रेत के अवैध परिवहन पर शून्य कार्यवाही किया जाना लाजमी है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार थाना प्रभारी जैतहरी प्रकाश चंद्र कोल वर्ष 2005 में जैतहरी थाना में ही प्रधान आरक्षक के पद पर पदस्थ रह चुके है। इसके साथ थाना चचाई प्रभारी एवं यातायात अनूपपुर का कार्यभार संभाला गया था। इस दौरान इन्होने अपनी पूरी साख पहले ही जमा ली थी। और उस साख को नजराने की दोस्ती अपनाने का अवसर मिला है।
चढ़ावा देते ही माफियाओं की शुरू होती दबंगई
एक तरफ जहां जिले के 18 खदानों को दिल्ली के अमन सेठी द्वारा 35 करोड़ में ठेका लिया गया था, लेकिन ठेके में शामिल 18 खदानों में महज 6 खदानों में कार्य करने की अनुमति मिल पाई थी। वहीं जिले के हर थाना क्षेत्रों में हो रही रेत चोरी के मामले में ठेकेदार को खनिज विभाग सहित पुलिस से किसी तरह का सहयोग नही मिलने के कारण जिले की खदानों को सरेंडर करना पड़ा है। लेकिन चढ़ावा के चंदा का वजन इतना ज्यादा है कि उस भारीभरकम के चंदा को देने के बाद माफियाओं द्वारा जैतहरी क्षेत्र अंतर्गत आने वाले प्रमुख नदियों जिनमें सोन, तिपान वा अलान सहित गुजर नाला का अस्तित्व संकट में आ चुका है। वहीं खनिज विभाग में पदासीन खनिज अधिकारी आशा लता वैद्य जहां कार्यालय में कुर्सी तोड़ती नजर आती है, वहीं खनिज निरीक्षक ईशा वर्मा को प्रतिदिन जिले भर में हो रहे रेत उत्खनन वा परिवहन के सैकड़ा वाहनों उनके आंखों के सामने से निकलने के बाद भी उन्हे 2 या 4 वाहन भी ढूंढने से नही मिलते।
इनका कहना है
मामला संज्ञान में आया है, जल्द ही रेत के अवैध उत्खनन एवं परिवहन के खिलाफ मुहिम चलाकर कार्यवाही की जाएगी।
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