दुष्कर्म के प्रयास में आरोपी पंचम ने महिला का गला घोंटकर की थी हत्या
अनूपपुर। कोतवाली थाना क्षेत्र अंतर्गत नगर के वार्ड क्रमांक 5 जमुनिया टोला में किराए के मकान में रहने वाली 35 वर्षीय महिला मुन्नी केवट की अंधी हत्या का पुलिस अधीक्षक जितेन्द्र सिंह पवॉर ने 16 मार्च को प्रेस कांफ्रेंस कर खुलासा किया गया। इस दौरान अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक शिव कुमार सिंह, एसडीओपी अनूपपुर सुमित केरकेट्टा, कोतवाली थाना प्रभारी अरविंद जैन एवं उपनिरीक्षक संजय खल्को उपस्थित रहे।
जहा पुलिस अधीक्षक ने बताया कि मृतिका सेमवती बाई बैगा जो कि अपना नाम बदलकर मुन्नी केवट के नाम से किराए के घर में रहकर मजदूरी कर काम करती थी। इस बीच काम को लेकर उसकी पहचान राजमिस्त्री का काम करने वाले पंचम साहू पिता नत्थूलाल साहू उम्र 38 वर्ष निवासी ग्राम पिपरिया से हुई। जो सेमवती बाई बैगा को अपने साथ भवन निर्माण कार्यो में ले जाता था। इस बीच 13 मार्च की रात लगभग 12 बजे पंचम साहू शराब के नशे में सेमवती बाई के घर पहुंचा और उसके साथ शारीरिक संबंध बनाने जबरजस्ती करने लगा, जहां महिला के विरोध करने पर पंचम साहू ने गुस्से में आकर गमछे से सेमवती का गला दबाकर हत्या कर दिया था। वहीं अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक डी.सी. सागर ने इस अंधी हत्या का खुलासा करने तथा अज्ञात आरोपियों के संबंध में सूचना देने पर 30 हजार नगद ईनाम की घोषणा की थी।
यह था मामला
जानकारी के अनुसार 13 मार्च को नगर के वार्ड क्रमांक 5 जमुनिया टोला में निवास करने वाली रामवती कोल पति स्व. सुरजा कोल उम्र 70 वर्ष ने सूचना दी कि उसके घर के पीछे लगभग 6 माह से किराए के कमरा लेकर मुन्नी केवट का शव पड़ा हुआ है। जिसकी सूचना मिलते ही अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक शहडोल डी.सी. सागर, पुलिस उप महानिरीक्षक सविता सोहाने, पुलिस अधीक्षक अनूपपुर जितेन्द्र सिंह पवॉर, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक शिव कुमार सिंह मौके पर पहुंच कर घटना स्थल का निरीक्षण किया गया। इस दौरान एफएसएल अीम वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. आर.सी. अहिरवार, फिंगर प्रिंट विशेषज्ञ उपनिरीक्षक गिरजाशंकर गौतम द्वारा डॉक स्कॉट के साथ पहुंचे घटना स्थल सहित शव का निरीक्षण किया गया। जहां महिला के गले में चोट के निशान पाये गए एवं नाक से झाग निकला हुआ था, जिस पर महिला की गला घोंटने के दौरान मौत की आशंका जताई गई थी।
लिव-इन-रिलेशनशिप में रहती थी महिला
पुलिस अधीक्षक जितेन्द्र सिंह पवॉर ने बताया कि विवेचना के दौरान पता चला कि मृतिका सेमवती सिंह निवासी ग्राम सकरा जो कि राजेन्द्र राठौर पिता लल्लू राठौर उम्र 35 वर्ष निवासी रामपुर खांडा के साथ वर्ष 2017 से लिव-इन-रिलेशनशिप में रहती थी। जहां राजेन्द्र राठौर हर दो चार दिन में सेमवती बैगा से मिलने आया करता था। वहीं घटना के दौरान राजेन्द्र राठौर दो दिन पूर्व सेमवती से मिलकर उसे राशन और नगद रूपए देकर ग्राम सिवनी में शादी में गया हुआ था।
नाम बदलक रहती थी महिला
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ने बताया कि 13 मार्च को सूचना दी गई कि मुन्नी केवट का शव उसके घर में मिला है, जहां विवेचना के दौरान पता चला कि मृतिका का वास्तविक नाम सेमवती बैगा पति स्व. दशरू बैगा निवासी रामपुर खांडा है। जहां पति की मृत्यु के बाद राजेन्द्र राठौर के साथ लिव-इन-रिलेशनशिप में रहने लगी थी, और 6 माह पूर्व ही राजेन्द्र राठौर ने उसे जमुनिया टोला अनूपपुर उसे मुन्नी केवट के नाम किराए का मकान दिलाया था और साथ में रहता था।
दुष्कर्म के प्रयास में हुई हत्या
मृतिका सेमवती बैगा प्रतिदिन मजदूरी का काम करती थी, इस दौरान उसकी पहचान राजमिस्त्री पंचम साहू के साथ हुई। जिसके साथ वो भवन निर्माण कार्य में मजदूरी करने जाया करती थी। वहीं सेमवती पर पंचम साहू गलत नजर रखे हुआ था। जहां 13 मार्च की रात लगभग 12 बजे पंचम साहू सेमवती के घर पहुंचा और उसके साथ शरीरिक संबंध बनाने के लिए जबरजस्ती करने लगा, जहां सेमवती के विरोध करने पर पंचम साहू ने गमच्छे से गला घोंट कर उसकी हत्या कर दी। जिसके बाद पुलिस ने आरोपी पंचम साहू को गिरफ्तार कर उसके कब्जे से हत्या में प्रयुक्त गमछा, आने जाने में प्रयुक्त मोटर साईकिल, मोबाइल फोन जब्त कर उसके खिलाफ धारा 302 के तहत मामला दर्ज किया गया है। पुलिस अधीक्षक ने बताया कि विवेचना के पश्चात आरोपी के खिलाफ दुष्कर्म के प्रयास सहित अन्य धाराएं बढ़ाई जाएगी।
इनकी भूमिका रही सराहनीय
अंधी हत्या का खुलासा करने में अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक डी.सी. सागर ने 30 हजार के ईनाम की घोषणा की थी, जिस पर मामला का खुलासा करने में कोतवाली थाना प्रभारी , उपनिरीक्षक संजय खल्को, उपनिरीक्षक दयावती मरावी, फिंगर प्रिंट विशेषज्ञ उपनिरीक्षक गिरजाशंकर गौतम, सहायक उपनिरीक्षक एस.पी. सिंह, आर.एन. तिवारी, संतोष वर्मा, सुखीनंद यादव, नागेश सिंह, प्रधान आरक्षक सौरभ मिश्रा, सायबर सेल प्रधान आरक्षक राजेन्द्र अहिरवार, आरक्षक पंकज मिश्रा, महेन्द्र राठौर, रीतेश सिंह, आरक्षक पूर्णानंद मिश्रा, संजय सिंह, मोहन जमरा, ओमप्रकाश मार्को, अनिल भुसारे की भूमिका सराहनीय रही है।
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