मामला स्कूल समय पर प्रभारी प्राचार्य धिरौल ने तीन शिक्षकों को बाहर निकाल जड़ दिया था ताला
अनूपपुर। शासकीय हाई स्कूल धिरौल में 27 अप्रैल की दोपहर 1.30 बजे तीन शिक्षकों को बाहर निकालते हुए प्रभारी प्राचार्य द्वारा गेट में ताला जड़ते हुए स्कूल बंद किए जाने की सूचना पर संकुल प्राचार्य सहित दो वरिष्ठ शिक्षकों द्वारा मौके पर पहुंचकर विद्यालय बंद पाए जाने के मामले में जांच प्रतिवेदन सहायक आयुक्त जनजातीय कार्य विभाग को सौंपा गया, जहां प्रभारी सहायक आयुक्त अशोक शर्मा ने आचार संहिता का खुला उल्लंघन करते हुए कलेक्टर वा चुनाव आयोग के बिना अनुमति लिए 28 अप्रैल रविवार को वास्तविक मुद्दो से परे जाते हुए प्रभारी प्राचार्य संध्या पांडेय वा प्राथमिक शिक्षक योगेन्द्र सिंह के बीच आपसी विवाद का हवाला देते हुए योगेन्द्र सिंह को उनके मूल पदस्थापना से प्राथमिक विद्यालय डोंगराटोला अटैच करने का आदेश तो दूसरी तरफ प्रभारी प्राचार्य को नोटिस जारी किया गया है।
यह था मामला
शासकीय हाई स्कूल धिरौल के बंद होने की सूचना पर जनजातीय कार्य विभाग के सहायक संचालक अशोक शर्मा ने जांच के लिए तत्काल ही शा. उमा. विद्यालय पटनाकला के प्रभारी प्राचार्य विपिन किशोर एक्का, शा. उमा. विद्यालय देवहरा के प्रभारी प्राचार्य नरेन्द्र शेखावत एवं शा. उमा. विद्यालय पटनाकला के उच्च श्रेणी शिक्षक गुलाब सिंह को जांच के निर्देश दिए गए थे। जहां जांच टीम 3.30 बजे शा. हाई स्कूल धिरौल पहुंचे। निरीक्षण के दौरान विद्यालय के मेन गेट पर ताला लगा पाया गया था तथा स्कूल परिसर के बाहर शिक्षक ज्योति बाला तिवारी, अंजना हलदार एवं योगेन्द्र सिंह सहित ग्रामीण खड़े मिले थे। इसी दौरान सूचना मिलते ही प्रभारी प्राचार्य संध्या पांडेय ने सूचना लगते वापस स्कूल पहुंच गई।
प्रभारी सहायक आयुक्त पर उठे सवाल
पूरे मामले में जहां हाई स्कूल धिरौल की प्रभारी प्राचार्य संध्या पांडेय ने बीईओ कार्यालय जाने का नाम लेते हुए स्कूल को बंद करते हुए तीन शिक्षकों को बाहर कर दिया गया तथा स्कूल के मुख्य गेट में ताला लगाकर भृत्य संत राम बैगा के साथ स्कूटी में चली गई। जांच टीम ने अपने प्रतिवेदन वा पंचनामा की कार्यवाही में स्कूल बंद होना पाया गया। लेकिन दूसरे दिन आदिवासी कार्य विभाग के प्रभारी सहायक आयुक्त अशोक शर्मा ने निष्पक्ष कार्यवाही करने की बजाय उल्टा मुख्य मुद्दो को छोडक़र प्रभारी प्राचार्य और प्राथमिक शिक्षक के बीच आपसी विवाद को मुद्दा बनाते हुए शिक्षक योगेन्द्र सिंह को उनके मूल पदस्थपना से हटाते हुए प्राथमिक विद्यालय डोंगराटोला संलग्र किए जाने पर कई सवाल खड़े हो गए है।
आचार संहिता का खुला उल्लंघन
जानकारी के अनुसार जिले में लगे आचार संहिता के बावजूद जनजातीय कार्य विभाग के प्रभारी सहायक आयुक्त अशोक शर्मा ने प्राथमिक शिक्षक योगेन्द्र सिंह को उनके मूल पदस्थापना शा. हाई स्कूल धिरौल से प्राथमिक विद्यालय डोंगराटोला संलग्र करने का आदेश जारी कर दिया गया है। जबकि नियमत: आचार संहिता में किसी भी अधिकारी या कर्मचारी पर चुनाव आयोग या फिर कलेक्टर के अनुमोदन के बिना उनका स्थानांतरण व संलग्रीकरण जिला स्तर पर नही किया जा सकता है। लेकिन प्रभारी सहायक आयुक्त ने आचार संहिता में संलग्रीकरण का आदेश कर खुलेआम आचार संहिता का उल्लंघन किया गया है।
स्कूल समय पर चाभी लेकर क्यो गायब हुआ भृत्य
पूरे मामले में जांच टीम ने प्रभारी प्राचार्य संध्या पांडेय का कथन लिया गया था, जिसमें प्रभारी प्राचार्य संध्या पांडेय ने विद्यालय के दो चॉभी जिसमें एक चाभी माध्यमिक शिक्षक सुभाष सिंह परमार के पास होना बताया था, जो कि अवकाश में थे और दूसरी चॉभी भृत्य संत राम बैगा के पास होना बताया गया था, जिस पर जांच टीम ने पंचनामा तैयार किया था। लेकिन पूरे मामले में स्कूल के समय स्कूल को बंद कर मेन गेट में ताला जडऩे के लिए भृत्य संतराम को किसने आदेश दिया था और अगर विद्यालय के किसी कार्य से भृत्य संतराम वरिष्ठ कार्यालय जैतहरी गया था तो अपने साथ चॉभी किसके आदेश पर ले गया। इस भृत्य को अब तक नोटिस तलब कर जवाब क्यो नही मांगा गया।
इनका कहना है
उक्त मामला संज्ञान में है, अगर स्कूल समय पर स्कूल बंद कर मनमानी करने के मामले में से हटकर कार्यवाही करते हुए आचार संहिता का उल्लंघन कर शिक्षक संलग्रीकरण आदेश जारी किया गया है, तो पूरे मामले की जानकारी लेकर निष्पक्ष कार्यवाही की जाएगी।
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