एसडीओपी सहित अन्य पुलिस कर्मचारियों पर एफआईआर की मांग
अनूपपुर। कोतवाली थाना अनूपपुर में बीते दिनों कुछ पुलिस द्वारा मानवाधिकारों का खुला उल्लंघन कर 17 वर्षीय बेकसूर नाबालिग लडक़े को जबरन थाना लाकर उसके साथ बर्बरता पूर्वक मारपीट एवं गाली गलौच किए के मामले में नाबालिग के पिता कमलेश यादव पिता ददनराम यादव निवासी ग्राम सीतापुर ने अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक डी.सी. सागर एवं पुलिस अधीक्षक जितेन्द्र सिंह पवॉर को लिखित शिकायत करते हुए मारपीट किए जाने वाले पुलिस अधिकारियों एवं कर्मचारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग की गई है। पिता ने बताया कि पुलिस द्वारा की गई मारपीट से मेरे पुत्र को गंभीर चोट आई है, जिसका जिला चिकित्सालय अनूपपुर में इलाज कराया गया है।
हैरानी की बात है कि इस मामले में पुलिस की कार्रवाई अभी भी शून्य ही चल रही है, जबकि मामला खुले तौर पर मानवाधिकारों का सीधा उल्लंघन रहा है जिसकी इजाजत देश का कानून भी नहीं देता है।
यह है मामला
मामले की जानकारी के अनुसार नाबालिग के पिता कमलेश यादव ने 29 अप्रैल को लिखित शिकायत के माध्यम से बताया कि 26 अप्रैल की रात लगभग 9 बजे अनूपपुर पुलिस की दो डग्गी वाहन में उपनिरीक्षक मंगला प्रसाद दुबे, प्रधान आरक्षक शेख रसीद, महेन्द्र राठौर, मनोज गुर्जर एवं वाहन चालक दिनेश पाटिल मेरे घर पहुंचे तथा गाली गलौज करने लगे, जिसका वीडियो मेरा पुत्र बना रहा था, जैसे वीडियो बनते पुलिस वालों ने देखा तो मेरे पुत्र का मोबाइल छुड़ा लिया तथा उसके साथ मारपीट करने लगे। जिसके बाद पुलिस वालों ने जबरन मेरे नाबालिग पुत्र को पुलिस गाड़ी में बैठा कर थाना ले आये और बेरहमी से पिटाई करने के साथ मेरे पुत्र द्वारा बनाये गये वीडियों को फोन से डिलीट करवाया गया।
रेत की जब्ती के लिए पहुंची थी पुलिस
प्रार्थी कमलेश यादव ने बताया कि मेरे घर पहुंची पुलिस ने बताया कि एसडीओपी अनूपपुर सुमित केरकेट्टा ने तुम्हारे घर में रखे हुए रेत के जब्ती की कार्यवाही हेतु हमें भेजा गया है, जहां मेरे भाई संतदास यादव ने पुलिस को बताया था कि उक्त रेत को मैने अपने बांउड्रीवॉल की छपाई के लिए रखा हॅू, जिसकी रॉयल्टी मेरे पास है। जहां उक्त पुलिस द्वारा लेन देन की बात किया जाने लगा, जिस पर मेरे नाबालिग पुत्र ने पूरे मामले का वीडियो अपने मोबाइल फोन के माध्यम से बना रहा था, लेकिन वीडियों बनाते हुए जैसे ही नजर पुलिस वालो पर पड़ी उन्होने उसे मोबाइल छुड़ाते हुए उसके साथ मारपीट करते हुए उसे थाना ले आये और रात लगभग 11.30 बजे मेरे पुत्र को छोड़ा गया।
एसडीओपी ने फेंक दिया था आवेदन
शिकायत में बताया गया कि अनूपपुर पुलिस ने बर्बरता एवं उनके द्वारा बिना किसी कारण के मेरे नाबालिग पुत्र के साथ की गई मारपीट और पुलिस वाहन में बैठाकर थाना लाकर मारपीट करने के बाद 27 अप्रैल को मेरे द्वारा एसडीओपी अनूपपुर सुमित केरकेट्टा के पास पहुंच लिखित आवेदन दिया गया, जहां एसडीओपी अनूपपुर ने मेरे द्वारा अनूपपुर पुलिस को भेजे जाने की बात कहते हुए मेरा आवेदन फेंक दिया गया।
एफआईआर दर्ज करने की मांग
नाबालिक के पिता ने अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक शहडोल एवं पुलिस अधीक्षक से की गई शिकायत में एसडीओपी सुमित केरकेट्टा सहित उपनिरीक्षक मंगला प्रसाद दुबे, प्रधान आरक्षक शेख रसीद सहित अन्य पर मध्यप्रदेश किशोर न्याय (बालको की देखरेख और संरक्षण) संशोधन अधिनियम 2021 की धारा 75 के विरूद्ध मेरे नाबालिग पुत्र के साथ जानबूझकर बिना किसी कारण वा बिना किसी अपराध के घर में घुस कर मारपीट किए जाने तथा जबरन क्रूरता पूर्वक पुलिस वाहन में बैठाकर थाना लाने तथा बिना कोई अपराध के रात लगभग 11.30 बजे छोड़े जाने जैसे कृत्य पर एफआईआर दर्ज किए जाने की मांग की गई है।
इनका कहना है
शिकायत प्राप्त हुई है, इस संबंध में कोतवाली अनूपपुर से जानकारी मंगाई गई है।
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