Responsive Ad Slot

ताजा खबर

latest

सहकारी समिति धनगवां में पीएमजीकेवाय के कमीशन खेला खेल, जांच में होगा खुलासा

Jiathari News, Anuppur News in hindi, sahkarita vibhag Anuppur News, Anuppur Samachar News,

शुक्रवार, 13 सितंबर 2024

/ by News Anuppur

रिश्तेदारों की फर्जी भर्ती मामले में टीम गठित, होगी कार्यवाही, तुलावटी सहकारिता के कर्मचारी नही

अनूपपुर। आदिम जाति सेवा सहकारी समिति मर्यादित धनगवां में शासन से प्राप्त पीएमजीकेवाय खाद्यान्न में कमीशन का खेल एवं प्रबंधक द्वारा अपने रिश्तेदारों की फर्जी भर्ती के मामले की खबर पर सहकारिता उपायुक्त सुनीता गोटवाल ने सहकारिता निरीक्षक (प्रशासक) अनुज ओहदार को जांच के निर्देश दिए गए है, जहां प्रशासक अनुज ओहदार ने समिति धनगवां से उक्त संबंध में दस्तावेज एवं कॉपरेटिव बैंक से स्टेटमेंट सहित अन्य दस्तावेज लिए गए है। उन्होने बताया कि पैक्स कम्प्यूटराईजेशन योजना अंतर्गत सहकारी समिति धनगवां ईआरपी पोर्टल में इनबिल्ट हो चुकी है, जिसमें दर्ज पीएमजीकेवाय का कमीशन माह अप्रैल 2020 से अगस्त 2021 तक का 2 लाख 61 हजार 369 का दर्ज भुगतान ऑनलाईन देखा जाएगा। अगर ईआरपी पोर्टल में उक्त भुगतान संबंधी किसी तरह के दस्तावेज नही होगें तो निष्पक्ष रूप से जांच कर कार्यवाही की जाएगी।

यह था मामला

सहकारी समिति धनगवां के प्रबंधक सालिक राठौर द्वारा कोरोना काल में आपदा के अवसर का लाभ उठाते हुए पीएमजीकेवाय खाद्यान्न के कमीशन की राशि का खेल खेलते हुए लाभ उठाया गया। अप्रैल 2020 से अगस्त 2021 तक के खाद्यान्न के कमीशन में प्रबंधक द्वारा अप्रैल 2021 में आवंटित किए गए कनिष्ठ विक्रेताओं के खाते में 31 जुलाई 2023 को उक्त राशि डालकर बंदरबांट करते हुए समिति को नुकसान पहुंचाया गया है। जबकि अप्रैल 2021 में कनिष्ठ विक्रेताओं को दुकान आवंटित की गई थी, तो फिर उन्हे अप्रैल 2020 से अगस्त 2021 के खाद्यान्न का कमीशन कैसे दे दिया गया। 

दो सहायक प्रबंधक की लड़ाई में मिला था प्रभार

वर्ष 2013-14 में समिति धनगवां के दो सहायक प्रबंधक हीरामणि द्विवेदी एवं नत्थू पटले द्वारा संस्था प्रबंधक के प्रभार के लिए आपसी खिंचातान चलती रही है, जिसको देखते हुए संचालक मंडल की सहमति से उपपंजीयक सहकारिता द्वारा विक्रेता सालिक राठौर को प्रबंधकीय कार्य हेतु अधिकृत किया गया था। जिसके से अभी तक समिति धनगवां के प्रभारी प्रबंधक के चार्ज में अब तक कार्य कर रहे है। 

तुलावटी सहकारिता के कर्मचारी नही

पूरे मामले की जानकारी सहकारिता उपायुक्त अनूपपुर सुनीता गोटवाल से ली गई, तो उन्होने बताया कि तुलावटी सहकारिता विभाग के कर्मचारी नही होते है, उन्हे सेल्समैन द्वारा स्वयं अपने खर्चे में रखा जाता है। जिसके बाद प्रभारी प्रबंधक बनते ही सालिक राठौर द्वारा वर्ष 2017 एवं 2018 में अपने सगे रिश्तेदार दिनेश सिंह राठौर शासकीय दुकान महुदा एवं विजय सिंह राठौर को क्योंटार दुकान का संचालन दिए जाने के बाद बिक्री रसीद और बिल में स्वयं प्रबंधक सालिक राठौर के हस्ताक्षर होते रहे है। इसके साथ ही उपायुक्त सहकारिता विभाग अनूपपुर ने धनगवां के प्रबंधक सालिक राठौर के सगे संबंधियों की भर्ती प्रक्रिया में कक्षा 10 एवं 12 वीं के मार्कशीट की जांच के लिए कहा गया है।

कैशबुक में पूर्व के कर्मचारियों की भांति इनके नाम होना चाहिए दर्ज

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार वर्ष 2010 से 2019 के पूर्व संस्था में तुलवाटी या फिर कोई अन्य कर्मचारी के रूप में कार्य किए होगें तो संस्था के समस्त रिकार्डो में इनका नाम अंकित होना चाहिए। जैसे जमा रसीद, बिल बाउचर, वेतन बिल रजिस्टर्ड एवं उपस्थिति पंजीयक एवं इनको किए गए वेतन के कैश बुक में पूर्व वर्षो की भांति अन्य कर्मचारियों की तरह इनका नाम दर्ज होना चाहिए, जिसकी भी जांच आवश्यक है। एवं संस्था के वित्तीय वर्ष समापन के पश्चात संस्था के बैलेंस सीट में सभी कर्मचारियों की सूची एवं प्राप्त वेतन की जानकारी दर्ज होती है, जिसकी भी जांच कराई जा रही है।

बिना भर्ती के 2018 में बना लिए थे फर्जी प्रस्ताव 

जानकारी के अनुसार वर्ष 2018 में संचालक मंडल की कार्यकाल अवधि समाप्त होने के पश्चात प्रशासक आर.एन. सोनी द्वारा वर्ष 2019 में फर्जी भर्ती करा लिया गया, जबकि वर्ष 2019 में शासन द्वारा उचित मूल्य की दुकान के लिए विक्रेता की कोई भर्ती ही नही निकाली गई। वर्ष 2019 से बाउचर के माध्यम कैश बुक में मजदूरी के नाम पर भुगतान किया गया, इसके साथ ही वर्ष 2019 के बाद समिति धनगवां के कर्मचारी बनाकर जिला सहकारी बैंक शाखा जैतहरी में बचत खाता खुलवाते हुए विक्रेता बनाकर भुगतान किया गया है। जबकि सालिक राठौर वर्ष 2012-13 में शासकीय दुकान क्योटार एवं कल्याणपुर का विक्रेता था एवं वर्ष 2014 में समिति धनगवां के प्रभारी प्रबंधक बने थे। 

धनगवां के प्रबंधक की बढ़ी मुश्किले, करतूतों का होगा खुलासा

समिति धनगवां के प्रबंधक सालिक राठौर द्वारा किए गए भ्रष्टाचार को छिपाने के लिए फर्जी दस्तावेजों का सहारा लिया गया, जहां पीएमजीकेवाय के कमीशन में किए भ्रष्टाचार और काले करतूतों को छिपाने के लिए खबर लगने के दो दिनों बाद धनगवां में पुराने सेवानिवृत्त हो चुके सेल्समैन के यहां बैठक कर पुराने विक्रेताओं जिनमें पुष्पेन्द्र सोनी, अजय पाल पटेल, महेन्द्र कुमार गुप्ता सहित सगे संबंधी विक्रेता विजय सिंह एवं दिनेश सिंह राठौर को बुलाकर पुराने डेट 10 अगस्त 2023 में फर्जी भुगतान वाउचर बनाकर एवं कैश बुल में फर्जी इंट्री किया गया है, जहां नए कनष्ठि विक्रेताओं से वसूली बताकर पुराने विक्रेताओं को भुगतान दिखाया गया है। इस खेल में पुराने छुटे हुए (कटनी बुक) रसीद बुक का उपयोग लाया गया है, जिसका खुलासा उसी अवधि की कैश बुक की जांच कर सच्चाई सामने आ जाएगी। इतना ही नही उक्त कैश बुक की इंट्री एवं प्राप्त राशि एवं भुगतान बाउचर ईआरपी पोर्टल पर देखी जा सकती है कि उक्त बाउचर इंट्री है या नही। 

इनका कहना है

पूरे मामले की जांच की जा रही है, बैंक सहित ईआरपी पोर्टल में भी उक्त भुगतान के संबंध की जांच की जा रही है।

अनुज ओहदार, सहकारिता निरीक्षक (प्रशासक) अनूपपुर


 इनका कहना है

तुलावटी सहकारिता विभाग के कर्मचारी नही होते है ना ही इनका भुगतान विभाग से किया जाता है। इसके लिए सेल्समैन स्वयं अपने खर्च पर मजदूर के रूप में तुलावटी को रखते है।

सुनीता गोटवाल, उपायुक्त सहकारिता विभाग अनूपपुर 

कोई टिप्पणी नहीं

एक टिप्पणी भेजें

'
Don't Miss
© all rights reserved
made with NEWSANUPPUR