प्रभारी प्रबंधक ने विक्रेता पद पर भर्ती के लिए फर्जी अंकसूची लगाकर की थी भर्ती
समिति के कैशबुक के साथ छोड़छाड़ कर की गई धोखाधड़ी
इंट्रो- कोरोना काल में पीएमजीकेवाय के कमीशन में बंदरबांट तथा फर्जी अंकसूची लगाकर विक्रेता के पद पर भर्ती किए जाने का खुलासा हुआ है। मामला आदिम जाति सेवा सहकारी समिति धनगवां का है, जहां के प्रभारी प्रबंधक सालिक राठौर द्वारा जहां पीएमजीकेवाय की राशि का गबन किया गया, वहीं अपने साले दिनेश सिंह राठौर एवं साढू भाई विजय सिंह राठौर को तुलावटी वा उसके बाद बिना कोई आदेश के दोनो ही लोगो का भर्ती फर्जी अंकसूची लगाकर विक्रेता पद पर कर दी गई। पूरे मामले की जांच के दौरान प्रभारी प्रबंधक का साला दिनेश सिंह राठौर ने अपनी बहन सरिता देवी की अंकसूची के साथ छेडछाड़ करते हुए धोखाधड़ी की गई, वहीं साढू भाई विजय सिंह राठौर की अंकसूची को नियुक्ति में संलग्र ही नही किया गया।
अनूपपुर। आदिम जाति सेवा सहकारी समिति मर्यादित धनगवां के प्रभारी प्रबंधक द्वारा पीएमजीकेवाय खाद्यान्न की राशि गबन के मामले में 7 सितम्बर 2024 को खबर का प्रकाशन कर मामले को उजगार किया गया था। जिस पर पूरे मामले की जांच जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक शहडोल के मुख्य कार्यपालन अधिकारी द्वारा दो सदस्यी टीम गठित कर जांच करते हुए पीएमजीकेवाई खाद्यान्न के कमीशन की राशि 2 लाख 61 हजार 369 की राशि का गबन कैशबुक में फर्जी आय-व्यय इंद्राज कर धोखाधड़ी करते हुए गबन का खुलासा किया गया। जिसकी जांच प्रतिवेदन उप आयुक्त सहकारिता अनूपपुर को प्रस्तुत किया गया, लेकिन अब तक प्रभारी प्रबंधक धनगवां के खिलाफ कार्यवाही नही की गई है।
धोखाधड़ी कर गबन का आरोपी सिद्ध
सहकारी समिति धनगवां के प्रभारी प्रबंधक सालिक राठौर द्वारा कोरोना काल में आपदा के अवसर का लाभ उठाया और पीएमजीकेवाय खाद्यान्न के कमीशन की राशि अप्रैल 2020 से अगस्त 2021 तक को कनिष्ठ विक्रेताओं के खाते में 31 जुलाई 2023 को उनके खाते में डालकर बंदरबांट कर समिति को नुकसान पहुंचाया है। जबकि अप्रैल 2021 में कनिष्ठ विक्रेताओं को दुकान आवंटित की गई थी। जांच में प्रभारी प्रबंधक धनगवां द्वारा उक्त राशि के गबन जांच टीम द्वारा सिद्ध कर कार्यवाही हेतु उप आयुक्त सहकारिता अनूपपुर को जांच प्रतिवेदन भेजा गया है, जहां प्रभारी प्रबंधक से प्रशासक द्वारा नोटिस भेजकर जवाब मांगा गया है। लेकिन उक्त मामले में अब तक कार्यवाही ठंडे बस्ते में है।
पूर्व में संधारित रसीद बुक से छेड़छाड़
जांच में पीएमकेजीवाई खाद्यान्न के कमीशन वितरण के संबंध में प्रबंधक पैक्स धनगवां द्वारा समिति में संधारित पूर्व के रसीद क्रमांक 0058/1 से 0058/46 दिनांक 13 मार्च 2024 कटी हुई थी, जहां पुन: प्रभारी प्रबंधक सालिक राठौर द्वारा रसीद क्रमांक 0058/47 दिनांक 10 अगस्त 2023 सोना पनिका राशि 11929, रसीद क्रमांक 0058/48 प्रकाश कुमार आर्मो राशि 6326, रसीद क्रमांक 0058/49 मंगलेश्वर जायसवाल राशि 4941, रसीद क्रमांक 0058/50 दीनबंधु विश्वकर्मा राशि 16266, रसीद क्रमांक 0058/50 संध्या मिश्रज्ञ राशि 4762 कुल राशि 44226 रूपए की वसूली कैशबुक पेज क्रमांक 93 में दिनांक 28 मार्च 2024/10 अगस्त 2023 में आमदनी प्राप्त कर रसीद टिकट लगाकर उसी दिनांक को विक्रेता दिनेश सिंह राठौर राशि 4941, अजयपाल पटेल राशि 11929 कुल राशि 44226 रूपए कैशबुक पेज क्रमांक 93 में भुगतान बताते हुए 28 मार्च 2024 एवं 10 अगस्त 2023 में फर्जी आय एवं व्यय इंद्राज किया गया तथा एक ही क्रमांक की दो रसीद से संध्या मिश्रा एवं दीनबंधू के नाम से जारी की गई है।
रिश्तेदारों की फर्जी भर्ती का हुआ खुलासा
पैक्स धनगवां के प्रभारी प्रबंधक सालिक सिंह राठौर ने अपने रिश्तेदार दिनेश सिंह राठौर एवं विजय सिंह राठौर की विक्रेता के पद पर फर्जी भर्ती का खुलासा हुआ है। जांच में विक्रेता दिनेश राठौर एवं विजय सिंह राठौर से नियुक्ति के पूर्व सुरक्षा निधि में नही ली गई। वहीं दिनेश सिंह राठौर की नियुक्ति के समय प्रस्तुत अंक सूची में कक्षा 10, वर्ष 2011 में नियमित छात्र के रूप में किया संलग्र किया है, जबकि उक्त अंकसूची जुलाई 2011 रोल नंबर 113622963 सेंटर कोड शासकीय हाई स्कूल गोरसी से सरिता देवी राठौर जो कि दिनेश राठौर की बहन के नाम से जारी थी, उक्त अंकसूची में छेड़छाड़ कर उसे अपने नाम से प्रस्तुत किया गया। इतना नही नही दिनेश सिंह की नियुक्ति 11 जनवरी 2010 को समिति में तुलावटी के पद पर हुई है, उस समय अंकसूची के आधार पर दिनेश सिंह की उम्र मात्र 15 वर्ष की थी। वहीं विजय सिंह राठौर की अंकसूची संलग्र ही नही है, जिसकी अंकसूची भी संदेहास्पद है।
प्रभारी प्रबंधक के और भी कई कारनामे
पैक्स धनगवां की जांच के दौरान विक्रेता हीरामणि द्विवेदी 31 अक्टूबर 2021 को सेवानिवृत्त हो चुके है। जिन्होने सेवाकाल के दौरान समिति से अग्रिम वेतन ऋण लिया था, जिसकी लेनदारी आज भी बैलेंस शीट में दर्ज है, बावजूद इसके प्रभारी प्रबंधक सालिक सिंह राठौर द्वारा पीएमजीकेवाई कमीशन की राशि ऋण वसूली में समायोजन न करते हुए उन्हे भुगतान कर दिया। जबकि वित्तीय वर्ष 2021-22 में हीरामणि द्धिवेदी द्वारा 1 लाख 33 हजार 958 रूपए की लेनदारी शेष है। इतना ही नही जांच टीम ने पीएमकेजीवाई खाद्यान्न कमीशन के संबंध में कनिष्ठ विक्रेता दीनबन्धु विश्वकर्मा, मंगलेश्वर जायसवाल, प्रकाश सिंह आर्मो, सोनादेवी पनिका ने लिखित कथम दिया है कि उनके द्वारा पीएमकेजीवाई खाद्यान्न की राशि पुष्पेन्द्र सोनी, अजयपाल पटेल, महेन्द्र गुप्ता एवं दिनेश सिंह राठौर को नगद वापस की गई है।
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